न्यू कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की नई कार्यकारिणी का गठन

न्यू कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की नई कार्यकारिणी का गठन

न्यू कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की नई कार्यकारिणी का गठन

न्यू कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की नई कार्यकारिणी का गठन

चंडीगढ़. 17 अगस्त 1998 में प्रिंसिपल राम पाल हंस जी द्वारा गठित की गई  न्यू कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की बागडोर हंस जी के उत्तर अधिकारी विवेक हंस गरचा ने संभाली और पार्टी कार्यकारिणी का गठन किया | सैक्टर -35, क्लासिक होटल में प्रैस कांफ्रेंस में श्री विवेक हंस गरचा द्वारा विभिन्न निम्नलिखित पदाधिकारियों की नियुक्ति की गयी है.


 1. श्री याकूब मसीह (उपाध्यक्ष)

 2. श्री रवि हंस (महासचिव)

 3. श्री करमवीर ढींगरा (संयुक्त सचिव)

 4. श्री मनोज झा (प्रचार सचिव)

 5. सरदार सुखदेव सिंह (सचिव)

 6. एडवोकेट जतिन खुल्लर (कानूनी सलाहकार)

 7. विकास नारंग (चंडीगढ़ इलेक्शन कोर्डिनेटर)

 8. जगदीश कुमार (अध्यक्ष चंडीगढ़ यूथ विंग)


बैठक में बोलते हुए विवेक हंस गरचा ने कहा कि पुराने राजनीतिक दल सांप्रदायिकता वाले संगठन बनते जा रहे हैं। न्यू कांग्रेस पार्टी ने सभी जातियों और समुदायों को प्रतिनिधित्व दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने पदाधिकारियों पर पूरा भरोसा है कि वे चंडीगढ़ शहर के स्थानीय मुद्दों के लिए संघर्ष करेंगे और देश के लोगों की सेवा करेंगे। विवेक हंस गरचा ने अन्य राजनितिक दलों की नीतियों की कड़ी आलोचना की क्योंकि सत्ता के लालच में उन्होंने देश और जनता को बर्बाद किया है। विवेक हंस गरचा ने शहर की जनता को अन्य राजनितिक दलों की दोहरी राजनीती से सावधान रहने की अपील की उन्होंने कहा कि अन्य राजनितिक दलों के नेता काले अंग्रेज हैं गोरे अंग्रेजों को हमने देश से भगा दिया था अब बारी काले अंग्रेजों से छुटकारा पाने की है क्योंकि जब तक काले अंग्रेजों का पतन नहीं होगा तब तक छूया - छूत, जातीवाद, अमीर - ग़रीब, ऊच - नीच ख़तम ना होगी क्योंकि उसको बढ़ावा देने वाले सत्ताधारी पार्टियों के नेता ही हैं जो की एक सीके के दो पहलु हैं इनकी रणनीति अंग्रेजों के जमाने से फुट डालो राज करो की रही है सत्ता के लालची नेता ये किसी भी हद तक गुजर जाते हैं तो दूसरी ओर सत्ताधारी नेताओं को शर्म आनी चाहिए शहर की जनता को अपना परिवार समझने की बजाये वोटरों की भांति गुमराह करके अपना उल्लू सीधा करने में लगे हैं शहर की सांसद पहले से ही जनता के बीच ना आकर जनता को ठगे हुए महसूस करवा रही हैं लीडरों को किसी भी वर्ग, समाज या किसी विशेष समुदाय से कोई मतलब नहीं ये केवल सत्ता प्राप्ति के लिए शहर के युवाओं को दिशाहीन करने के लिए उच्च स्तरिया लीडर बनाने का बड़ा सपना दिखाकर चुनावों में उनसे अपनी पार्टी का झंडा उठवाकर ज़िंदाबाद - मुर्दाबाद करवाते हैं ! युवाओं का शोषण कर सत्ता प्राप्ति के बाद उनसे गुंडागर्दी करवाते हैं देश में क्या माहौल है इन सत्ताधारी नेताओं को नहीं मालूम इन लीडरों को अपनी आयाशी के लिए सत्ता चाहिए ये वे लोग हैं जो अपनी सत्ता प्राप्ति के लिए अपने रिश्तेदारों, दोस्तों व जानने वालों / किसी भी वर्ग की अहुति देने से नहीं चूकते | विवेक हंस गरचा ने कहा कि पार्टी की अन्य इकाइयों का गठन भी जल्द ही किया जायेगा |