लखीमपुर कांड में 5 हजार पेज की चार्जशीट पेश, देखें क्या कहा

Lakhimpur

लखीमपुर खीरी। Lakhimpur scandal: लखीमपुर खीरी हिंसा के आज 90 दिन पूरे हो चुके हैं। एसआईटी ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि यह चार्जशीट 5 हजार पन्ने की है। इसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्र को हत्या का आरोपी बताया गया है। मंत्री के रिश्तेदार वीरेंद्र कुमार शुक्ला का नाम भी आरोपियों की सूची में जोड़ा गया है। शुक्ला पर साक्ष्य मिटाने का आरोप है। कोर्टरूम के बाहर मीडिया से बातचीत में किसानों के वकील ने बताया कि चार्जशीट में मंत्री अजय मिश्रा का नाम जोडऩे की अर्जी भी दी गई थी, लेकिन चार्जशीट में उनका नाम नहीं जोड़ा गया है।

लखीमपुर के तुकनिया में 3 अक्टूबर को एक पत्रकार समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें दोनों तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामले की जांच उत्तर प्रदेश स्ढ्ढञ्ज कर रही है। इस केस में मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा मोनू समेत 13 लोग न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर 6 जनवरी को सुनवाई होनी है।

तिकोनिया हिंसा मामले में किसानों के अधिवक्ता अमान ने बताया कि एफआईआर में 201 धारा की बढ़ोतरी की गई है। साथ ही वीरेंद्र कुमार शुक्ला के नाम को जोड़ा गया है। मंत्री का भी नाम जोडऩे की प्रार्थना की गई, लेकिन उनका नाम नहीं जोड़ा गया है।

एसआईटी के इंस्पेक्टर विद्या राम दिवाकर ने इसे दुर्घटना ना बताकर सोची समझी साजिश बताया था। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया था कि मामले में आरोपियों के खिलाफ धाराओं को बदल दिया जाए। आगे से मामले की जांच उन्हीं धाराओं के तहत की जाए।

आशीष मिश्र मोनू और सहयोगी नंदन सिंह पर धारा 177 (मोटर व्हीकल एक्ट) और 5/25 (आम्र्स एक्ट) के तहत आरोप लगाए गए हैं। अभी तक आरोपियों को चार्जशीट नहीं दिखाई गई है। न्यायालय द्वारा आरोपपत्र का संज्ञान लेते ही सेक्शन 309 के तहत सभी आरोपियों को कोर्ट में तलब करेगा और चार्जशीट की कॉपी दी जाएगी।

बचाव पक्ष यानी आशीष मिश्रा के अधिवक्ता अवधेश सिंह का कहना है कि मंत्रीपुत्र व नंदन सिंह पर आर्म्स एक्ट के तहत अलग आरोप लगाए गए हैं जबकि आशीष मिश्रा की राइफल मौके पर मौजूद ही नहीं थी। घर से मंगाई गई थी।

लखीमपुर में 3 अक्टूबर को हुई घटना में चार किसानों, एक स्थानीय पत्रकार समेत आठ लोगों की हत्या हुई थी। आशीष मिश्रा और उसके साथियों पर आरोप है कि वो फायरिंग करते हुए किसानों को अपनी गाड़ी से रौंदते हुए निकल गए थे। इसमें चार की मौत और कई गंभीर घायल हो गए थे।

4 अक्टूबर को तिकुनिया थाने में आशीष मिश्रा समेत कई अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। बाद में स्ढ्ढञ्ज की जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि ये एक हादसा नहीं, बल्कि सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया हत्याकांड है।