ऐलनाबाद में चुनावी प्रचार बंद, कांग्रेस प्रत्याशी को सैलजा का सहारा
ऐलनाबाद में चुनावी प्रचार बंद, कांग्रेस प्रत्याशी को सैलजा का सहारा
गठबंधन प्रत्याशी को सीएम के दौरों ने दिलाई मजबूती
चौटाला के दम पर इनेलो को फिर से जीत की उम्मीद
चंडीगढ़। ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव के लिए बुधवार को चुनाव प्रचार बंद हो गया। अब प्रत्याशी दो दिन तक मतदाताओं के साथ सीधा संपर्क करते हुए उनके घरों में दस्तक देंगे। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन कांग्रेस, भाजपा तथा इनेलो के तमाम नेताओं ने शक्ति प्रदर्शन किया।
यह पहला मौका है जब चुनाव आयोग ने प्रचार के लिए एक दिन का समय कम कर दिया है। अब यहां के प्रत्याशी बृहस्पतिवार तथा शुक्रवार को किसी तरह की रैली व जलसा आदि नहीं करेंगे। ऐलनाबाद विधानसभा उपचुनाव के लिए एक बार फिर से तिकोणा मुकाबला बन गया है। यहां इनेलो की सीट पर अभय चौटाला, कांग्रेस से पवन बैनीवाल तथा भाजपा-जजपा गठबंधन की तरफ से गोविंद कांडा चुनाव मैदान में हैं। चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद भी भाजपा तथा कांग्रेस के कई स्टार प्रचारक ऐसे हैं जिन्होंने यहां के प्रचार में हिस्सा नहीं लिया।
कांग्रेस को केवल सैलजा का सहारा
ऐलनाबाद के उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी को केवल प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा का ही सहारा है। पवन बैनीवाल को भाजपा से कांग्रेस में शामिल करवाने और उन्हें टिकट दिलवाने में सैलजा की भूमिका अहम रही है। सैलजा सिरसा से पहले सांसद रह चुकी हैं। चुनाव प्रचार शुरू होने से लेकर समाप्त होने तक कुमारी सैलजा ने इस चुनाव को अपने कंधों पर खींचा है।
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा से अधिक समय हिमाचल के उपचुनाव को दिया है। भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा तथा उनके सांसद बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने यहां पार्टी प्रत्याशी के प्रचार के माध्यम से अपना शक्ति प्रदर्शन किया है। हुड्डा गुट के विधायक भी ऐलनाबाद में केवल औपचारिकता पूर्ण करते नजर आए। भूपेंद्र हुड्डा की अनुपस्थिति में दीपेंद्र हुड्डा प्रचार के लिए गए तो अपने गुट के विधायकों और पूर्व विधायकों का शक्ति प्रदर्शन ही किया।
मुख्समंत्री व उपमुख्यमंत्री के एंट्री से भाजपा को मिली मजबूती
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ऐलनाबाद में प्रत्याशी चयन से लेकर प्रचार तक विवादों में घिरी रही है। भाजपा प्रत्याशी को शुरूआती दौर में कई जगह विरोध का सामना करना पड़ा लेकिन भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ और पूर्व अध्यक्ष सुभाष बराला के मोर्चा संभालते ही स्थितियां सामान्य हुई। प्रचार के अंतिम दो दिनों में मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने चुनावी जनसभाओं के माध्यम से भाजपा प्रत्याशी को मजबूती दिलवाई। विपक्ष के विरोध के बावजूद भारतीय जनता पार्टी ऐलनाबाद के 76 गांवों में सौ के करीब जनसभाएं करने में कामयाब हो गई। शुरूआती दौर में जिस तरह से भाजपा का गांवों में विरोध था वह अंत तक समाप्त हो गया। जिसने भाजपा को यहां मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।
ओम प्रकाश चौटाला के दम पर इनेलो को फिर से जीत की उम्मीद
ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र शुरू से इनेलो का गढ़ रहा है। ओम प्रकाश चौटाला ने भी अपना पहला चुनाव ऐलनाबाद से ही जीता था। उस समय भी यहां उपचुनाव था। इससे पहले भी अभय चौटाला ही यहां के विधायक थे। ऐलनाबाद में इनेलो को ओम प्रकाश चौटाला का ही सहारा रहा है। इनेलो की तरफ से चौटाला ने ही स्टार प्रचारक की भूमिका निभाई है। 86 साल की उम्र में भी ओम प्रकाश चौटाला ने पार्टी को खड़ा करने और बेटे को दोबारा विधानसभा में भेजने के लिए रोजाना यहां के एक दर्जन गांव में जनसभाएं की हैं। इनेलो को प्रदेश में दोबारा खड़ा करने और ऐलनाबाद में फिर से सत्ता तक पहुंचाने में अभय से अधिक ओम प्रकाश चौटाला की भूमिका अहम रहेगी।