Don't miss a single vaccine

वैक्सीन लगने से न छूटे एक भी

वैक्सीन लगने से न छूटे एक भी

Don't miss a single vaccine

देश में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने अब 15 से 18 साल के बच्चों की भी सुध ले ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस पर देश को टीकाकरण की नई डोज से अवगत कराया है। इस समय देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती कोरोना वायरस और उसके नए स्वरूपों से लडऩे की है। ऐसा कहा जा रहा है कि देश में तीसरी लहर आएगी ही, लेकिन इस बार इसका असर कुछ कम रहेगा। हालांकि तीसरी लहर कब आएगी, यह तय नहीं है लेकिन उससे पहले ही केंद्र सरकार की ओर से तीसरी डोज जिसे बूस्टर डोज कहा जा रहा है, देने की तैयारी शुरू करना समय रहते सही कदम है। अब गंभीर बीमारियों से ग्रसित और हेल्थ वर्करों को  कोरोना वैक्सीन की प्रिकॉशनरी डोज लगाई जाएगी। प्रिकॉशनरी डोज उस वैक्सीन से अलग हो सकती है, जिसकी दोनों डोज लाभार्थी पहले ही ले चुके हैं। दरअसल, देश के कोविड टीकाकरण पर बने शीर्ष टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप में इस बात को लेकर सहमति है कि प्रिकॉशनरी डोज उस वैक्सीन से अलग होनी चाहिए, जिसकी दोनों डोज पहले ली जा चुकी है।

वास्तव में वैक्सीन की तीसरी खुराक को बूस्टर की बजाय प्रिकॉशनरी डोज कहे जाने के पीछे एक वजह यह भी है कि सभी विकल्प खुले रहें और तीसरी खुराक किसी और वैक्सीन की भी दी जा सके। प्रबल संभावना है कि प्रिकॉशनरी डोज उस वैक्सीन से अलग हो जिसकी दोनों डोज पहले ली गई हों। अगले कुछ महीनों में भारत के पास वैक्सीन के कई विकल्प होंगे। इस दौड़ में सबसे आगे हैदराबाद के बायोलॉजिकल ई की बनाई कोरबावैक्स है, जो प्रोटीन सब-यूनिट कोविड-19 वैक्सीन है। केंद्र सरकार ने कोरबा वैक्स की 30 करोड़ खुराकें रिजर्व रखने के लिए पहले ही 1500 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। दरअसल यह तैयारी तब है, जब देश में ओमिक्रॉन तेजी से बढ़ रहा है। रविवार को महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 31 नए मामले मिले। यही नहीं केरल में ओमिक्रॉन के 19, तेलंगाना में तीन, आंध्र प्रदेश में दो, हिमाचल प्रदेश में एक, ओडिशा में चार, चंडीगढ़ में दो और मध्य प्रदेश में नौ मामले दर्ज किए गए। इसके साथ ही देश में ओमिक्रॉन के संक्रमितों की संख्या बढक़र 501 हो गई है। ओमिक्रॉन अपने शिकार लगातार बढ़ा रहा है, वहीं कोरोना के मामले भी फिर से बढऩे लगे हैं।      केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में बीते 24 घंटे में कोरोना के 6,987 नए मामले सामने आए हैं, जबकि इस दौरान 162 मरीजों की संक्रमण से मौत हो गई है। इसके साथ ही देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढक़र कुल 3,47,86,802 हो गया है जबकि मृतकों की संख्या बढक़र 4,79,682 हो गई है। वैसे बीते 59 दिनों से कोरोना संक्रमण के दैनिक मामले 15 हजार से कम ही रहे हैं।  कोरोना के साथ ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने 10 राज्यों केरल, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, बंगाल, मिजोरम, कर्नाटक, झारखंड और पंजाब में केंद्रीय टीमें तैनात की हैं। ये टीमें राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ मिलकर ट्रेसिंग-ट्रैकिंग के क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देंगी। ये टीमें स्थिति का आकलन करेंगी, उपचारात्मक कार्रवाई का सुझाव देंगी। इन्हें केंद्र को एक रिपोर्ट देनी होगी।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि ओमिक्रॉन के खिलाफ लड़ाई में खुद की सजगता और अनुशासन ही बड़ी ताकत हैं। उनका कहना है कि वैज्ञानिक ओमिक्रॉन का अध्ययन कर रहे हैं। उन्हें हर रोज नए आंकड़े मिल रहे हैं। वैज्ञानिकों के सुझावों के आधार पर कदम उठाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मौजूदा वक्त में हमारी सामूहिक ताकत ही कोरोना को हराएगी। हमें जिम्मेदारी की इसी भावना के साथ नए साल 2022 में प्रवेश करना होगा। दरअसल, कोरोना संक्रमण के नए वैरिएंट अब सामने आते ही रहेंगे, ऐसे में संक्रमण से मुकाबले के लिए हमेशा तैयार रहना होगा। चंडीगढ़ प्रशासन ने कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर सख्ती दिखाई है, जोकि अपनी जगह सही है। प्रशासन ने एक जनवरी के बाद दोनों डोज नहीं लगवाने वाले लोगों के पांच सौ रुपये के चालान काटने का निर्णय लिया है। इससे पहले मास्क न पहनने वाले लोगों का पांच सौ रुपये का चालान काटा जा रहा था। वास्तव में इस वर्ष कोरोना की दूसरी लहर की प्रचंडता देखने के बावजूद अगर लोग सुधार नहीं कर रहे हैं तो यह बेहद चिंताजनक ही है। उस समय न ऑक्सीजन थी और न ही वैक्सीन। अस्पतालों में कोरोना के मरीजों की लाइन लगी थी और उन्हें बचाने के लिए कुछ नहीं था। अब जब वैक्सीन भी उपलब्ध है तो उसे लगवाने के लिए लोग आगे नहीं आ रहे हैं। सरकार की ओर से लगातार इसकी एडवाइजरी जारी की जा रही है, कि समय रहते वैक्सीन लगवा ली जाए। ओमिक्रॉन का सबसे पहले पता लगाने वाली डॉक्टर एंजेलिक कोएट्जी का कहना है कि जिन्हें एक भी टीका नहीं लगा है, वे अब शतप्रतिशत खतरे में हैं। दरअसल, भारत में अब भी 47 करोड़ लोगों को एक भी डोज नहीं लगी है। ऐसे में उन लोगों के प्रति चिंता होना लाजिमी है, क्योंकि यही लोग कमजोर कड़ी साबित हो सकते हैं। इन लोगों की पहचान करके उन्हें वैक्सीन लगाई जानी चाहिए। आज के समय में कोरोना और दूसरे वायरस से बचाने के लिए वैक्सीन ही एकमात्र बचाव छतरी है।