अदालत ने प्रकाशन कंपनी को यस बैंक के पूर्व सीईओ पर लिखी किताब बेचने, वितरित करने से रोका

अदालत ने प्रकाशन कंपनी को यस बैंक के पूर्व सीईओ पर लिखी किताब बेचने, वितरित करने से रोका

अदालत ने प्रकाशन कंपनी को यस बैंक के पूर्व सीईओ पर लिखी किताब बेचने

अदालत ने प्रकाशन कंपनी को यस बैंक के पूर्व सीईओ पर लिखी किताब बेचने, वितरित करने से रोका

नई दिल्ली। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। अदालत ने यस बैंक के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं सह-संस्थापक राणा कपूर पर आधारित पुस्तक 'द बैंकर हू क्रश्ड हिज डायमंड्स : द यस बैंक स्टोरी' के प्रकाशन, बिक्री, वितरण पर रोक लगा दी है। राणा कपूर ने दीवानी वाद दायर करते हुए दावा किया कि यह पुस्तक उनके जीवन पर आधारित है और इसमें उनके संबंध में झूठे आरोप लगाए गए हैं। इससे उनके खिलाफ चल रही जांच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

'द बैंकर हू क्रश्ड हिज डायमंड्स पुस्तक पर आधारित फिल्म को भी बनाने की भी तैयारी चल रही है। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश राजेश कुमार के कोर्ट ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं कि किसी को बदनाम किया जाए। प्रतिष्ठा की रक्षा करना मौलिक अधिकार है। यह मुद्रक और प्रकाशक का भी कर्तव्य है कि वह सावधानी से कार्य करें।

पुस्तक के कुछ हिस्से पाठकों को यह सोचने पर मजबूर कर सकते हैं कि वह एक महत्वाकांक्षी खलनायक है। ऐसे में पुस्तक के प्रकाशन और बिक्री पर रोक लगाना जरूरी है। इस पुस्तक के लेखक फुरकान मोहरकन हैं और प्रकाशन पेंगुइन रैंडम हाउस करती है।

कपूर को बैंक में कथित घोटाले से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। कपूर ने दावा किया कि पुस्तक ‘मानहानिकारक’ है। उन्होंने अपने वकीलों विजय अग्रवाल, नमन जोशी और रिदम अग्रवाल के माध्यम से अदालत का रुख किया और फुरकान मोहरकन द्वारा लिखित और पेंगुइन द्वारा प्रकाशित पुस्तक की आलोचना की।