कांग्रेस ने कोविड सेस के खर्च के विवरण को छिपाने के लिए भाजपा की खिंचाई की
कांग्रेस ने कोविड सेस के खर्च के विवरण को छिपाने के लिए भाजपा की खिंचाई की
कोविड से मरने वालों को 4 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की कांग्रेस ने, शहर में कोविड की मौतों के आंकड़ों को छिपाने में प्रशासन की भी खिंचाई की
चंडीगढ़, 11 दिसंबरः चंडीगढ़ कांग्रेस ने भाजपा के नेतृत्व वाले नगर निगम को 40 करोड़ रुपये के कोविड सेस से किए गए खर्च के विवरण का खुलासा नहीं करने के लिए फटकार लगाई और जमकर खिंचाई की। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि इस मामले को जिस तरह से छिपाया जा रहा है, वह साफ दर्शाता है कि चंडीगढ़ नगर निगम द्वारा निवासियों से एकत्र किया गया कोविड सेस (उपकर) पूरी तरह से बेकार चला गया है। ये फंड भी ठीक उसी तरह से बेकार किया गया है, जिस तरह से पीएम केयर्स फंड की बरबादी की गई है।
चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला ने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अनुसार, आपदा के कारण जिस परिवार के सदस्य की मृत्यु हुई है, वह 4 लाख रुपये की अनुग्रह यानि मुआवजा राशि का हकदार है। चूंकि कोविड-19 को आपदा घोषित किया गया है, इसलिए प्रत्येक परिवार जिसका सदस्य आपदा के कारण मर जाता है, 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि का हकदार है। इस तथ्य के बावजूद कि जून 2021 के महीने में, सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मामले में फिर से शुरू हुई सुनवाई के दौरान, भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने उन लोगों के परिवारों को 4,00,000 लाख रुपए के मुआवजे के निर्देश की मांग करते हुए, याचिकाओं में उठाए गए मुद्दों से अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि जो कोविड-19 से जो लोग मारे गए हैं, वे वास्तविक मामले हैं और उनकी देखभाल की जा रही है, लेकिन आज तक भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने उनके परिजनों को मुआवजा देने के लिए कुछ नहीं किया है। इस मामले में भाजपा ने सब कुछ जानते समझते हुए भी पीड़ितों की मदद के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।
सुभाष चावला ने मांग की कि कोविड-19 से पैदा हुए मुश्किल हालात से मरने वालों के सभी परिजनों को तुरंत 4,00,000 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए।
चंडीगढ़ कांग्रेस ने भाजपा नेतृत्व वाली सरकार के दबाव में कोविड मौतों के गलत आंकड़े दिखाकर चंडीगढ़ के लोगों को गुमराह करने के लिए चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग की भी आलोचना की। अब विभाग ने शहर में 256 और लोगों की मौत कोविड से होने की बात स्वीकार की है। विभाग ने आगे माना कि श्मशान घाट के आंकड़ों का मिलान कर आंकड़ों का सही मिलान किया गया है। इसके साथ, चंडीगढ़ का टोल मोहाली (1,073) और पंचकुला (379) के आंकड़ों को पार करते हुए कोविड से मरने वालों का आंकड़ा अब 820 से बढ़कर 1,076 हो गया। यूटी प्रशासन की लापरवाही इस बात से स्पष्ट होती है कि कोविड-19 मृतक के केवल 29 परिजनों को ही अब तक सरकार से सिर्फ 50,000/- रुपए की मुआवजा राशि मिल पाई, जबकि बाकी सभी लोग इस मुआवजे के लिए दर दर की ठोकरे खाने के लिए मजबूर हैं।
चावला ने कहा कि वर्तमान वर्ष 2021 में कोविड के कारण हुई वास्तविक मौतों की तुलना में घोषित कोविड मौतों के वास्तविक आंकड़ों को अभी भी काफी कम करके आंका गया है क्योंकि कोविड के बाद की जटिलताओं से कई और लोग भी मारे गए हैं और ये सिलसिला अभी भी जारी है। उन्होंने आगे कहा कि इन सबके बावजूद, भाजपा शहर में महामारी को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने का झूठा दावा कर रही है। उसको लोगों के दुखदर्द की कोई परवाह नहीं है।