कांग्रेस ने दशहरा पर पटाखे लगाकर रावण दहन करने पर कार्रवाई करने पर प्रशासन की निंदा की

कांग्रेस ने दशहरा पर पटाखे लगाकर रावण दहन करने पर कार्रवाई करने पर प्रशासन की निंदा की

कांग्रेस ने दशहरा पर पटाखे लगाकर रावण दहन करने पर कार्रवाई करने पर प्रशासन की निंदा की

कांग्रेस ने दशहरा पर पटाखे लगाकर रावण दहन करने पर कार्रवाई करने पर प्रशासन की निंदा की

चंडीगढ़। चंडीगढ़ कांग्रेस ने  दशहरा पर पटाखे लगाकर रावण दहन करने पर कार्रवाई करने पर  प्रशासन  की निंदा की और दर्ज किए गए केसों  को खारिज करने की मांग की ।

हरमेल केसरी ने बताया कि सेक्टर 28 बी में रावण दहन की दशहरा कमेटी के सदस्यों पर केस दर्ज किया है  और इसके साथ मनी माजरा आजाद ड्रामेटिक क्लब के अध्यक्ष मदन लाल आचार्य, नवदीप कौशिक वह अन्य सदस्यों पर , न्यू इंदिरा कालोनी की धर्म रक्षक कला मंच एवं रामलीला दशहरा आयोजक कमेटी , मलोया गांव की यूथ वेलफेयर क्लब दशहरा कमेटी और सेक्टर 20 के आजाद ड्रामेटिक क्लब पर भी केस दर्ज किया गया है ‌ ।

हरमेल केसरी  ने  बताया  दशहरे से दो दिन पहले भाजपा अध्यक्ष अरूण सूद ने एक प्रेस विज्ञप्ति भेज कर  यह कहा था कि मैंने प्रशासन से बात कर ली है और सभी राम लीला कमेटियां पटाखे युक्त रावण का दहन कर सकती हैं । उन्हीं के बातों  में  आ जाने से रामलीला कमेटियों ने पटाखे युक्त रावण दहन किए और उन कमेटियों पर केस दर्ज हुए ।     इन सभी   दर्ज हुए केसों के लिए भाजपा अध्यक्ष अरूण सूद को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए । सता पक्ष पार्टी के अध्यक्ष पर विश्वास करने का पुरस्कार जनता और रामलीला कमेटियों को दर्ज हुए केस के रूप में मिला। 


अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य एवं चंडीगढ़ कांग्रेस के प्रवक्ता हरमेल केसरी ने कल दशहरे पर  पटाखे लगाकर रावण दहन करने पर दर्ज किए गए केसों को खारिज करने की मांग की । हरमेल केसरी ने बताया कि प्रशासन ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आर्डरो को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है।  उन्होंने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों में दिवाली पर पटाखे न चलाने देने का आदेश है , उसमें कहीं पर भी स्पष्ट तौर यह नही लिखा गया है कि दशहरे पर पटाखे लगाकर रावण दहन करने पर कार्रवाई की जाएगी ‌। 
 उन्होंने कहा कि दशहरे जैसे त्योहारों से   लोगों की आस्था जुड़ी है और यह सीधे तौर पर लोगों की आस्था को चोट पहुंचाने का काम चंडीगढ़ प्रशासन कर रह है । इसलिए इन दर्ज किए गए केसों को जल्द से जल्द खारिज करके लोगों एवं संस्थाओं कै राहत देने का काम प्रशासन को करना चाहिए।