"जनता के दरबार मुख्यमंत्री" कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री
"जनता के दरबार मुख्यमंत्री" कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री
153 फरियादियों की सुनी फरियाद, अधिकारियों को दिये आवश्यक निर्देश
पटना (बिहार) : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, सोमवार को 4 देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित "जनता के दरबार में मुख्यमंत्री" कार्यक्रम में शामिल हुए। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुँचे 153 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।
सोमवार को जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, वित्त विभाग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, सूचना प्रावैधिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, श्रम संसाधन विभाग तथा आपदा प्रबंधन विभाग के मामलों पर सुनवाई हुयी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल होकर 153 लोगों की शिकायतें सुनीं। रोहतास से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरी पत्नी आंगनबाड़ी सेविका थी, जिनका सेवाकाल के दौरान ही पिछले साल कोरोना से निधन हो गया। अभी तक परिवार को अनुग्रह अनुदान नहीं मिला है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। गोपालगंज से आए एक छात्र ने कहा कि उसे स्टूडेंट कार्ड योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है, तो वहीं भागलपुर से आये छात्र ने मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना (माध्यमिक शिक्षा) के अंतर्गत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि का लाभ उन्हें नहीं मिल पाया है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को इसकी जाँच कर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। मधुबनी से आए एक आवेदक ने बताया कि सरकारी भवन बनने के बाद भी निजी भवन में आंगनबाड़ी केंद्र चल रहा है। वहीं, सीतामढ़ी की एक महिला ने डेयरी स्थापना हेतु पशुपालन विभाग की स्वीकृति मिलने के बावजूद, उन्हें बैंक द्वारा ऋण स्वीकृत नहीं किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों को मामले की जाँच कर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। बांका के एक व्यक्ति ने शिकायत करते हुए कहा कि उनके पिता की मृत्यु बिहार राज्य
मदरसा बोर्ड के अंतर्गत कार्य करते हुए हो गई लेकिन उनके आश्रित को अनुकंपा के आधार
पर अब तक नौकरी नहीं मिली है। वहीं, भागलपुर के एक युवक ने शिकायत करते हुए कहा कि उनके भाई की मृत्यु नदी में डूब जाने के कारण हो गई थी, जिसके अनुग्रह राशि का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। औरंगाबाद के एक वृद्ध पिता ने शिकायत करते हुए कहा कि वृद्धावस्था में उनकी संतान उनका भरण-पोषण नहीं करते हैं। मेरे पुत्र बिल्कुल स्वार्थी हो गए हैं। सारी जमीन को कब्जा किए हुए हैं। मेरे भरण-पोषण का इंतजाम किया जाए। मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को इनकी समस्या के त्वरित समाधान का निर्देश दिया। वहीं सारण के एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना का लाभ नहीं मिलने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। बेगूसराय से आए एक व्यक्ति ने अनुमंडलीय अस्पताल बखरी के भवन निर्माण में विलंब होने की शिकायत की। वहीं, अररिया की एक महिला ने पति की कोविड से मृत्यु के उपरांत अब तक अनुग्रह राशि नहीं मिलने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को इस पर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। पूर्णिया के एक व्यक्ति ने गंभीर रुप से बीमार अपने पुत्र की चिकित्सा के लिए सहायता दिलाने के संबंध में अपनी माँग की, तो वहीं गया से आयी एक लड़की ने अपनी गंभीर बीमारी के उपचार कराए जाने के लिए सहायता की माँग की। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को इस पर उचित सहयोग करने का निर्देश दिया। नवादा की एक महिला ने शिकायत करते हुए कहा कि उनके पति की हत्या वर्ष 2016 में हो गई थी। एस.सी / एस.टी. अधिनियम के तहत उन्हें मिलने वाली मुआवजा की राशि का भुगतान अब तक नहीं हो पाया है। वहीं सहरसा की एक महिला ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति क्षेत्रीय कार्यालय सहरसा द्वारा मैट्रिक का प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किए जाने को लेकर शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। "जनता के दरबार में मुख्यमंत्री" कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक एस.के. सिंघल, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, पटना के जिलाधिकारी चन्द्रशेखर सिंह तथा वरीय पुलिस अधीक्षक उपेंद्र शर्मा उपस्थित थे।
मुकेश कुमार सिंह