किसानी कर्जे पर प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखकर कांग्रेस के धोखे पर पर्दा नहीं डाल सकते चन्नी- कुलतार सिंह संधवां
किसानी कर्जे पर प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखकर कांग्रेस के धोखे पर पर्दा नहीं डाल सकते चन्नी- कुल
-कहा, किसानों और खेत मजदूरों की पूर्ण कर्जा माफी से भागी पंजाब और केंद्र सरकारें- ‘आप’
-कहा, किसानी कर्जों के संबंध में बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रखती बादल एंड कंपनी
-संधवां ने कहा कि आम आदमी पार्टी ही है अब अन्नदाता की उम्मीद
चंडीगढ़, 01 दिसंबर
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के विधायक एवं किसान विंग के प्रदेशाध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने किसानों की कर्जा माफी के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा है। संधवां ने कहा कि बिना शक किसानों-कजदूरों के कर्जे माफ करने की जिम्मेदारी केंद्र और प्रदेश सरकार की बनती है, क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने 2017 के पंजाब चुनावों में पूर्ण कर्ज माफी का वादा किया था और 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी समेत अकाली दल बादल ने भी किसानों-मजदूरों के सभी तरह के कर्जे माफ करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी किसानों और खेत मजदूरों को कर्जा मुक्त किए जाने की हमेशा वकालत करती आई है और 2022 में ‘आप’ की सरकार बनने पर किसान-मजदूरों के कर्जे माफ किए जाएंगे।
पार्टी मुख्यालय से बुधवार को जारी बयान में विधायक कुलतार सिंह संधवां ने कहा, ‘‘केंद्र और पंजाब सरकारों की किसान और कृषि विरोधी नीतियों के कारण आज समूचा कृषि क्षेत्र संकट का सामना कर रहा है। किसान और किसानों पर निर्भर खेत-मजदूर वर्ग कर्जे के बोझ के नीचे दबा है। किसान और खेत-मजदूर पर डेढ़ लाख करोड़ से अधिक के कर्जा है, जो उन्होंने संगठित और गैर-संगठित संस्थाओं से उठाया है।’’
संधवा ने बताया कि 2017 के चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र (मेनिफेस्टो)में किसानों के पूर्ण कर्जे पर लकीर मारने का वादा किया था। मेनिफेस्टो में लिखित वादे के साथ-साथ किसानों से बकायदा कर्जा माफी फॉर्म उसी प्रकार भरवाए गए थे, जैसे बेरोजगार नौजवानों से घर-घर नौकरी और छात्रों से मोबाइल फोन के लिए भरवाए गए थे। बेरोजगार नौजवानों की तरह भोले-भाले किसानों ने कांग्रेस पर भरोसा करके कांग्रेस की सरकार बनाई लेकिन बदले में कांग्रेस सरकार ने किसानों-मजदूरों को धोखा दिया, क्योंकि पौने पांच वर्षों में कांग्रेस की सरकार ने सरकारी और सरकारी बैंकों का भी कर्जा माफ नहीं किया, आढ़तियों और अन्य गैर-संगठित क्षेत्रों का कर्जा माफ करना तो दूर की बात हुई। उन्होंने कहा कि चन्नी सरकार बताए कि पंजाब के लोगों के साथ जो वादा कांग्रेस ने किया था, वह पूरा क्यों नहीं किया गया? आज प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर वह क्या साबित करना चाहते हैं? क्या ऐसे ड्रामे करके वह कांग्रेस के लिखित वादों को भुला देंगे?
शिरोमणि अकाली दल बादल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की आलोचना करते हुए कुलतार सिंह संधवां ने कहा, ‘‘सुखबीर सिंह बादल एंड पार्टी के पास किसानों, किसानी कर्जों और खेत-मजदूरों के लिए कुछ भी कहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। क्योंकि पिछले तीन दशकों के काले दौर में 15 वर्ष बादलों की भाजपा के साथ केंद्र और पंजाब में संयुक्त सरकार रही है। यह भी वह दौर था, जब किसानों और खेत-मजदूरों में खुदकुशियों का रूझान शिखर को छुआ था। क्या सुखबीर सिंह बादल बताएंगे कि उनके राज के दौरान किसानों के सिर पर कितना कर्जा चढ़ा और कितना कर्जा उन्होंने माफ किया? भाजपा के साथ केंद्र की सत्ता भोगने वाले बादल यह बताएं कि वे पंजाब के किसानों के लिए केंद्र से कौन सी सौगातें लाए थे? सुखबीर सिंह बादल एंड पार्टी को बताना पड़ेगा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पंजाब के किसानों की कर्जा माफी के लिए कोई विशेष पैकेज क्यों नहीं लेकर आए? बादल परिवार यह भी बताए कि बतौर फूड प्रोसेसिंग मंत्री हरसिमरत कौर प्रदेश में कितने फूड प्रोसेसिंग यूनिट लाई?’’
संधवां ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल समेत समूची भाजपा और भाजपा के प्रवक्ता बने कैप्टन अमरिंदर सिंह जवाब दें कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए द्वारा 2014 के चुनावों से पहले देश के किसानों के साथ कर्जा माफी का किया वादा सात वर्षों बाद भी पूरा क्यों नहीं हुआ?
कुलतार ङ्क्षसह संधवा का कहना है कि पंजाब के लोग, विशेषकर किसानों और मजदूरों की याद्दाश्त कमजोर नहीं कि वे कांग्रेस, भाजपा और अकाली दल बादल द्वारा अन्नदाता की पीठ में घोंपे गए चाकू को भूल जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि इन रिवायती पार्टियों के लिए देश के अन्नदाता और खेत-मजदूर सिर्फ वोट बैंक हैं, जिन्हें वोटों में इस्तेमाल कर भूला दिया जाता है।