भारत का विदेशी मुद्रा भंडार नवंबर के पहले पखवाड़े में 657.89 अरब डॉलर रहा

India's foreign exchange reserves stood at $657.89 billion in the first fortnight of November

India's foreign exchange reserves stood at $657.89 billion in the first fortnight of November

India's foreign exchange reserves stood at $657.89 billion in the first fortnight of November- मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों में शुक्रवार को बताया गया कि 15 नवंबर तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 657 अरब डॉलर पर था। इसमें 65.76 अरब डॉलर की वैल्यू का गोल्ड शामिल है। 

बाजार के विश्लेषकों के मुताबिक, 8 नवंबर को भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 675.65 अरब डॉलर था, लेकिन आरबीआई द्वारा रुपये में उतार-चढ़ाव कम करने के लिए बाजार में डॉलर जारी किए जा रहे हैं, इससे विदेशी मुद्रा रिजर्व 17.7 अरब डॉलर कम हो गया है।

विदेशी मुद्रा भंडार में एसडीआर घटक का मूल्य 18.06 अरब डॉलर हो गया है।

चालू वित्त वर्ष में देश का विदेशी मुद्रा भंडार कुल मिलाकर 11.5 अरब डॉलर बढ़ा है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार सितंबर के अंत में 704.885 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था, जिससे देश अपनी विदेशी मुद्रा भंडार के आकार में चीन, जापान और स्विट्जरलैंड के बाद वैश्विक स्तर पर चौथे स्थान पर पहुंच गया था। यह अर्थव्यवस्था की मजबूत आर्थिक बुनियाद को दर्शाता है।

आरबीआई रुपये में अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग करता है।

उदाहरण के लिए जब भी विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली कर पैसा बाहर निकाला जाता है तो डॉलर की मांग बढ़ती है। इससे रुपये के मूल्य पर दबाव बढ़ता है। ऐसे में केंद्रीय बैंक डॉलर की आपूर्ति बढ़ाकर रुपये में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करता है।

रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर रबी शंकर ने हाल ही में एक मीडिया कार्यक्रम में कहा कि आरबीआई विनिमय दर की अत्यधिक अस्थिरता को संभालने के लिए अच्छी तरह से तैयार है।

उन्होंने कहा कि अगर रुपया तेजी से गिरता है तो आरबीआई उसे फ्रीफॉल से बचाने के लिए बाजार में डॉलर जारी करेगा। इससे भारतीय मुद्रा में स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलती है। मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार इन कार्यों को आसान बनाने और रुपये को मजबूत करने में मदद करता है।