केंद्र सरकार हाईस्पीड, अल्ट्रा-लो लेटेंसी 5जी सर्विस के लिए तकनीक करेगी विकसित

Central government will develop technology for high-speed, ultra-low latency 5G service

Central government will develop technology for high-speed, ultra-low latency 5G service

Central government will develop technology for high-speed, ultra-low latency 5G service- नई दिल्ली। केंद्र सरकार हाईस्पीड और अल्ट्रा-लो लेटेंसी 5जी सेवाओं के लिए एक टेक्नोलॉजी विकसित करने जा रही है। दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने शनिवार को कहा कि विभाग ने लिनियराइज्ड एम्पलीफायर टेक्नोलॉजी सर्विसेज और वेदांग रेडियो टेक के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। 

सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डीओटी), लिनियराइज्ड एम्पलीफायर टेक्नोलॉजी सर्विसेज और वेदांग रेडियो टेक ने '5जी एफआरटू के लिए मिलीमीटर वेव पावर एम्प्लीफायर चिप्स आईपी कोर' विकसित करने के लिए साझेदारी का हाथ आगे बढ़ाया है।

इस समझौते के साथ संगठन वैश्विक स्तर पर कटिंग एज सॉल्यूशन का उत्पादन और उन्हें बनाए रखने की भारत की क्षमता को मजबूत करने पर ध्यान दे रहे हैं।

संचार मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "इससे कटिंग-एज रिसर्च और इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही यह पीएम नरेंद्र मोदी की मेक-इन-इंडिया पहल के एक महत्वपूर्ण घटक, राष्ट्रीय सेमीकंडक्टर मिशन के साथ आसानी से जुड़ जाएगा।"

ये पावर एम्पलीफायर आईपी कोर स्टैंडअलोन ट्रांसीवर चिप्स के लिए आवश्यक हैं और ये बड़े फेज्ड एरे सिस्टम में भी बिल्डिंग ब्लॉक का काम करते हैं। इन्हें बीमफॉर्मिंग सिस्टम के लिए डिजाइन किया गया है जो ओवर-द-एयर पावर कंबाइनिंग पर निर्भर करते हैं।

इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य वाणिज्यिक फाउंड्री सेवाओं का उपयोग कर 5जी एफआरटू आवृत्ति बैंड (26 गीगाहर्ट्ज और 47 गीगाहर्ट्ज ) के लिए एमएम-वेव पावर एम्पलीफायर आईपी कोर विकसित करना है।

फाइव-जी एफआरटू फ्रीक्वेंसी बैंड्स का उपयोग करके, मिलीमीटर वेव फ्रीक्वेंसी पर पर्याप्त बैंडविड्थ उपलब्ध कराई जा सकती है, जो फाइव-जी में आवश्यक उच्च गति और अल्ट्रा-लो लेटेंसी सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण है।

इस प्रोजेक्ट के तहत इंडस्ट्री-रेडी आईपी कोर के उत्पादन के लिए डिजाइन और हार्डवेयर वैलिडेशन प्रोसेस में स्टैंडर्ड प्रोसेस डिजाइन किट्स का इस्तेमाल किया जाएगा।

सी-डॉट के सीईओ डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने दूरसंचार उत्पादों और समाधानों के स्वदेशी विकास को लेकर विभाग के योगदान पर जोर दिया।