हरियाणा में पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के खातों में पहुंचा है किताबों का पैसा

हरियाणा में पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के खातों में पहुंचा है किताबों का पैसा

हरियाणा में पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के खातों में पहुंचा है किताबों का पैसा

हरियाणा में पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के खातों में पहुंचा है किताबों का पैसा

चंडीगढ़: कोविड महामारी के चलते सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के रोके गए किताबों के पैसे को जारी कर दिया गया है। सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले पहली से आठवीं कक्षा के करीब 98 प्रतिशत बच्चों को उनके खातों में सत्यापन उपरांत यह राशि जारी की गई है। प्रत्येक विद्यार्थी के हाथों तक किताब पहुंचने के बाद सरकार इसी माह पूरी क्षमता के साथ स्कूलों को खोलने की तैयारी कर रही है।
दरअसल, कोविड महामारी के चलते सरकार स्कूली बच्चों को किताबों का पैसा जारी नहीं कर पाई थी। इस कारण विभिन्न जिलों में विधायकों के सामने अभिभावक इस समस्या को लेकर पहुंच रहे थे। बीते विधानसभा सत्र में विधायक वरूण चौधरी इस मुद्दे पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लेकर आए थे। जिस पर शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि सरकार अतिशीघ्र किताबों का पैसा जारी करेगी। राशि जारी होने पर विधायक वरूण चौधरी ने शिक्षामंत्री का आभार व्यक्त किया है।

पांचवीं तक 250 तो आठवीं तक के विद्यार्थियों को मिलते हैं 400 रूपये

हरियाणा सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पहली से पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों को किताबों के लिए 250 रुपए दिए जाते हैं जबकि छठी से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को 400 रुपए किताबों के जारी किए जाते हैं। विद्यार्थियों को यह पैसा उनके खातों में भेजा जाता है ताकि किसी भी स्तर पर लेट-लतीफी और भ्रष्टाचार होने की गुजांइश से बचा जा सके।

52.26 करोड़ रूपये का बजट किताबों के लिए निर्धारित

प्रदेश के 14,446 स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के कुल 24,54,313 बच्चे पंजीकृत हैं। इनमें से 21,65,817 बच्चों के खातों का सत्यापन हो चुका है जबकि 21,31,551 बच्चों के खातों का अंतिम सत्यापन भी हो चुका है। इस तरह 98 प्रतिशत बच्चों के खातों में किताबों का पैसा जारी हो चुका है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की माने तो पहली से पांचवीं कक्षा में करीब 10.98 लाख बच्चे पंजीकृत हैं। सरकार द्वारा प्रति बच्चे को किताबों के 250 रुपए के हिसाब से कुल 10,98,498 बच्चों को 27.46 करोड़ रुपए दिए जाने हैं। इसी तरह से छठी से आठवीं कक्षा में करीब 6.20 लाख बच्चे पंजीकृत हैं। जिन्हें 400 रुपए के हिसाब से 24.80 करोड़ रुपए दिए किताबों की एवज में वितरित किए जाने हैं। मतलब किताबों के लिए सरकार द्वारा कुल 52.26 करोड़ रूपये विद्यार्थियों के खातों में भेजे जाने है।