केंद्र सरकार का बड़ा फैसला: सभी केंद्रीय कर्मचारियों को दफ्तर आकर करना होगा काम, नहीं मिलेगी किसी भी तरह की छूट
- By Vinod --
- Sunday, 06 Feb, 2022
Big decision of central government: All central employees will have to come to office and work, will
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के चलते वर्क फ्रॉम होम कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों को कल यानी 7 फरवरी से दफ्तर आकर काम करना अनिवार्य होगा और इसके तहत कोई छूट नहीं होगी। केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि कल से पूर्ण कार्यालय उपस्थिति फिर से शुरू की जाएगी और सभी स्तरों के कर्मचारी बिना किसी छूट के नियमित आधार पर कार्यालय में उपस्थित होंगे।
कार्मिक राज्य मंत्री ने कहा कि महामारी की स्थिति की रविवार को समीक्षा की गई।कोविड के मामलों की संख्या में कमी के साथ-साथ संक्रमण दर में गिरावट को देखते हुए निर्णय लिया गया है कि सोमवार से सभी स्तरों पर कर्मचारियों की पूर्ण कार्यालय उपस्थिति फिर से सुनिश्चित की जाएगी। सभी कर्मचारी बिना किसी छूट के सोमवार से नियमित रूप पर कार्यालय में उपस्थित होंगे।
उन्होंने कहा कि विभागों के प्रमुख यह सुनिश्चित करेंगे कि कर्मचारी हर समय फेस मास्क पहनें और कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करें। केंद्र ने 31 जनवरी को अवर सचिव स्तर से नीचे के अपने 50 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए घर से काम करने की व्यवस्था को 15 फरवरी तक बढ़ा दिया था, लेकिन स्थिति की समीक्षा के बाद कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने नया आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि किसी भी कर्मी को वर्क फ्राम होम का विकल्प नहीं मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि सरकार ने यह निर्णय लिया है कि सोमवार यानी सात फरवरी से सभी केंद्रीय कर्मचारियों की पूर्ण कार्यालय उपस्थिति फिर से शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के सभी स्तरों के कर्मचारी बिना किसी छूट के सात फरवरी से नियमित आधार पर कार्यालय में उपस्थित होंगे...
गौरतलब है कि जैसे जैसे कोरोना के मामले कम हो रहे हैं वैसे वैसे सभी सरकारी कार्यालय खुलने शुरू हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने शनिवार को प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना से अनुरोध किया कि शीर्ष अदालत में कोविड महामारी से पहले की तरह फिर से फिजिकल सुनवाई शुरू की जाए क्योंकि महामारी की स्थिति नियंत्रण में है। साथ ही कहा कि खुली अदालत में सुनवाई परंपरा और संवैधानिक आवश्यकता दोनों है।
प्रधान न्यायाधीश को संबोधित पत्र में एससीबीए के अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण दर चार प्रतिशत से नीचे आ गई है और दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने सात फरवरी से यहां स्कूल, कालेज और जिम फिर खोलने का फैसला किया है।
पिछले साल दिसंबर में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वैरिएंट के कारण मामलों की संख्या बढ़ने के बाद से शीर्ष अदालत वर्तमान में मामलों की सुनवाई डिजिटल तरीके से कर रही है। एससीबीए ने कहा कि दिल्ली में अब कार्यालयों को 100 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करने की अनुमति दी गई है और नर्सरी से आठवीं कक्षा तक के स्कूल 14 फरवरी से फिर से खुलेंगे।
इन परिस्थितियों में अब सभी पांच दिनों में पूर्ण रूप से फिजिकल सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट को तुरंत नहीं खोलने का कोई औचित्य नहीं है। एससीबीए अध्यक्ष ने कहा है कि जैसा नवंबर और दिसंबर, 2021 में शीर्ष अदालत में फिजिकल सुनवाई के पहले चरण में दिखा था, वकील मास्क पहनना जारी रखेंगे और कोविड प्रोटोकाल का पालन करेंगे।