हजारों करोड़ के ड्रग मामले में मजीठिया की पटीशन मामले को लटकाने का प्रयास- भगवंत मान
हजारों करोड़ के ड्रग मामले में मजीठिया की पटीशन मामले को लटकाने का प्रयास- भगवंत मान
-कांग्रेस और मजीठिया एक-दूसरे की मदद कर पंजाब से कर रहे हैं धोखा- `आप'
चंडीगढ़, 18 नवंबर
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के प्रदेशाध्यक्ष एवं सांसद भगवंत मान ने बहुचर्चित हजारों करोड़ के ड्रग कारोबार मामले में शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता एवं विधायक बिक्रम सिंह मजीठिया द्वारा पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में दायर पटीशन को महज मामले को लटकाने का प्रयास भर बताया, ताकि 2022 विधानसभा चुनाव का समय निकाला जा सके।
पार्टी मुख्यालय से वीरवार को जारी बयान में भगवंत मान ने कहा कि कांग्रेस की चन्नी सरकार और मजीठिया एक-दूसरे की मदद से मामले को लटकाने के लिए नए-नए हथकंडे अपना कर पंजाब और पंजाब के लोगों को धोखा देने में जुटे हैं। इसी कड़ी का हिस्सा एसटीएफ की वह रिपोर्ट हैं, जिन्हें कभी सार्वजनिक नहीं किया गया और उनके सीलबंद होने की आड़ लेकर कांग्रेस सरकार लगातार नशा माफियाओं और उनके सियासी आकाओं को बचाने के प्रयास करती रही है। मान ने कहा कि विधानसभा चुनाव से महज चंद समय पूर्व 124 पृष्ठों की इस पटीशन में मजीठिया द्वारा मामले में स्वयं को पार्टी बनाए जाने की मांग केवल एक साजिश भर है।
मान ने कहा कि सीलबंद रिपोर्ट महज एक बहाना है। सरकार चाहे तो नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा बताएं कि क्या अदालत ने नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगाई है? मान ने कहा कि जब हाईकोर्ट ने नशा तस्करों के खिलाफ इडी और सरकार के हाथ नहीं बांधे तो फिर किन कारणों से कार्रवाई से गुरेज किया जा रहा है? उन्होंने करोड़ों रुपये के ड्रग तस्करी के संबंध में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में कई-कई वर्षों से पड़ी सीलबंद रिपोर्टों पर दलील दी है कि प्रदेश सरकार और प्रवर्तन निदेशालय (इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट) ड्रग तस्करों और उनकी अफसरशाही समेत सियासी सरगनाओं को खिलाफ आगामी जांच और निर्णायक कार्रवाई कर सकती है लेकिन सरकार पहल करने से गुरेज कर रही है।
मान ने कहा कि पिछली अकाली-भाजपा सरकार की तरह मौजूदा कांग्रेस सरकार भी नशे के व्यापारियों और उनके सियासी आकाओं का बचाव करने के रास्ते तलाश रही है। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि हाईकोर्ट में पड़ी सीलबंद रिपोर्टों की बहानेबाजी से कैप्टन की तरह चन्नी सरकार भी इस बहुचर्चित ड्रग माफिया पर नकेल कसने से पल्ला झाड़ती रही है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा आंखें मूंदे बैठे हैं।
मान ने कहा कि उच्च स्तरीय मिलीभगत के चलते पहले तत्कालीन एजी अतुल नंदा के जरिए कैप्टन सरकार सीलबंद रिपोर्टों की आड़ में समय निकालती रही और अब साजिशन कोर्ट में पैरवी के लिए सरकार ने कोई एडवोकेट जनरल ही नियुक्त नहीं किया।
मान ने सत्ताधारी कांग्रेस को ललकारा कि यदि नशा तस्करी और नशा माफियाओं के सरगनाओं को श्री गुटका साहिब की कसम पूरी कर जेलों में फैंकना है तो जिंदा जमीर और सियासी हिम्मत दिखानी होगी और हाईकोर्ट में पड़ी सीलबंद जांच रिपोर्टों का बहाना और बिक्रम सिंह मजीठिया की मदद करनी छोड़नी होगी।