अरविंद केजरीवाल का काशीपुर में बड़ा ऐलान, आप की सरकार बनते ही महिलाओं को हर महीने मिलेंगे 1000 रुपये
अरविंद केजरीवाल का काशीपुर में बड़ा ऐलान, आप की सरकार बनते ही महिलाओं को हर महीने मिलेंगे 1000 रुपये
काशीपुर: आम आदमी पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर उत्तराखंड में अपनी जमीन तैयार करने में कोई कोर कसर नहीं छोडऩा चाहती। सूबे की राजनीति में जनता के सामने तीसरे विकल्प देने की बात कहने वाले अरविंद केजरीवाल अपने रोडमैप और घोषणाओं के जरिये बीजेपी और कांग्रेस के वोट बैंक पर सेंध लगाने की पूरी कोशिश में नजर आ रहे हैं।
राज्य में तीन अहम घोषणाएं कर चुके पार्टी मुखिया पर सभी की नजरें टिकी थी। पंजाब में पार्टी के तरफ से महिलाओं को रिझानें का ट्रंप कार्ड उत्तराखंड में फेंकने की सुगबुगाहट चल रही थी। काशीपुर में उन्होंने महिलाओं से संवाद कार्यक्रम में महिलाओं के लिए एक हजार प्रति माह देने की घोषणा व काशीपुर सहित छह जिलों के गठन का पासा फेंककर कर विरोधियों को बैचेनी लाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी
उत्तराखंड में नई राजनीति की शुरूआत का नारा देने वाले अरङ्क्षवद केजरीवाल ने काशीपुर में अपने चिर परिचित अंदाज में किसी भी विरोधी नेता का नाम लिए बिना जमकर हमला किया। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे बुनियादी जरूरतों पर आज तक प्रदेश के लोगों को ठगें जोन के लिए बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं को जिम्मेदार ठहराया। संबोधन के दौरान युवाओं और महिलाओं से सीधे संवाद के लिए उन्होंने प्रश्न पूछकर जवाब मांगा। केजरीवाल ने पूछा कितने युवाओं को पिछले 10 साल में नौकरी मिली। युवाओं का जवाब वहीं मिला जो वह सुनना चाहते थे। युवाओं को रोजगार गांरटी योजना की बात कहकर वह युवाओ से जुडऩे का प्रयास किया। महिलाओं से भी तीर्थ यात्रा और बिजली फ्री होने पर सवाल पर महिलाओं का जवाब भी उनके मुताबिक मिला। छह जिलों के गठन के मुददे को दे गए हवा सीएम केजरीवाल के लिए उत्तराखंड में खोने के लिए कुछ नहीं है। वह यह बात वह अच्छी तरह से समझ रहे हैं।
प्रदेश के ज्वलंत मुददे जो कांग्रेस और बीजेपी की शासन में ठंडे बस्ते में रखे गए हैं उनहें वह बाहर लाकर सूबे में राजनीति की गर्माहट बनाने में जुट गए हैं। काशीपुर, रानीखेत डीडीहाट समेत छह जिलों के गठन करने की चुनावी घोषणा कर उन्होंने दोनों पार्टियों को अपनी रणनीति पर फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है। कर्नल के कंधों पर केजरीवाल का भरोसा उत्तराखंड के गठन के समय पहाड़ को लेकर जो सपने प्रदेश को दिखाए गए थे वह आज भी अधूरे हैं।
यही कारण है कि कर्नल कोठियाल के जरिये पूर्व सैनिकों और राज्य गठन में आंदोलन से जुड़े लोगों को साधने की कोशिश की जा रही है। केजरीवाल ने मंच से कहा कि ना मुझे राजनीति आती,ना कोठियाल जी को हमे काम करने आता है। केजरीवाल खुद की तरह ही उत्तराखंड में गैरराजनीतिक चेहरा सीएम उम्मीदवार के रूप में आगे लाने के पीछे दूरगामी सोच है।