चुनाव से पहले BJP को एक और झटका, बिल्सी के विधायक राधा कृष्ण सपा में शामिल
चुनाव से पहले BJP को एक और झटका, बिल्सी के विधायक राधा कृष्ण सपा में शामिल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में मतदान प्रारंभ होने से पहले भी समाजवादी पार्टी अपना कुनबा बढ़ाने के अभियान में लगी है। समाजवादी पार्टी ने सोमवार को भाजपा को बड़ा झटका दिया है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को पार्टी के प्रदेेश मुख्यालय में बदायूं के बिल्सी से भारतीय जनता पार्टी के विधायक राधा कृष्ण शर्मा को अपनी पार्टी की सदस्यता दिलाई। बदायूं को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है। भारतीय जनता पार्टी ने बदायूं के बिल्सी में 1993 के बाद पहली बार 2017 में जीत दर्ज की थी और आरके शर्मा यहां विधायक चुने गए थे। शर्मा ने मतदान के 21 दिन पहले ही टिकट मिलने के बाद भी जीत दर्ज की थी।
आरके शर्मा बिल्सी में काफी दिन से भाजपा की गतिविधियों में सक्रिय नहीं थे। भाजपा उन्हें निष्क्रिय मानते हुए बिल्सी में अलग से तैयारी कर रही थी। बदायूं में भाजपा की जनविश्वास यात्रा के दौरान भी जब उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बिल्सी पहुंचे थे तब भी वह उपस्थित नहीं हुए थे। इसके अलावा जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जिला मुख्यालय पर जनसभा की थी तो सभी जन प्रतिनिधि उपस्थित हुए थे, लेकिन आरके शर्मा इसमें शामिल नहीं हुए थे। पिछले दिनों बरेली से इनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें इनके सपा में जाने की बात भी सुनाई पड़ी थी। 2017 विधानसभा चुनाव में वह अचानक यहां भाजपा में आकर बिल्सी से चुनाव लड़े थे। इसके बाद महज 21 दिन में विधायक बन गए थे। भाजपा से चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र में इनकी सक्रियता बहुत कम रही थी, इससे क्षेत्रीय लोगों में असंतोष बना हुआ था। भाजपा से इनका टिकट कटना भी तय माना जा रहा था, शायद इसलिए वह पहले से कहीं और से राजनीतिक पारी शुरू करने की कोशिश में लगे हुए थे।
बिल्सी के 2017 के चुनाव में राधा कृष्ण शर्मा को 82,070 वोट मिले थे, जबकि इनके प्रतिद्वंद्वी रहे बसपा के मुसर्रत अली बिट्टन को 55,091 मत हासिल हुए थे। इससे पहले वह बसपा से आंवला से विधायक रह चुके हैं। अब माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी उनको एक बार फिर आंवला सीट से चुनाव मैदान में उतर सकती है।
बिल्सी से भाजपा के विधायक राधा कृष्ण शर्मा के साथ ही प्रयागराज से भारतीय जनता पार्टी के नेता शशांक त्रिपाठी ने भी अपनी पार्टी का साथ छोड़कर समाजवादी पार्टी की साइकिल की सवारी कर ली है।