आर्यन खान को गिरफ्तार करने वाले समीर वानखेड़े पर नवाब मलिक का एक और बड़ा आरोप, बोले- 2006 में किया था निकाह
आर्यन खान को गिरफ्तार करने वाले समीर वानखेड़े पर नवाब मलिक का एक और बड़ा
मुंबई। बांबे हाईकोर्ट बुधवार को मुंबई क्रूज ड्रग मामले में अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की जमानत याचिका पर फिर सुनवाई करेगा। नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने बांबे हाई कोर्ट में दिए गए अपने हलफनामे में आर्यन खान का संबंध अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सिंडीकेट से बताते हुए उनकी जमानत का विरोध किया है। एनसीबी ने तर्क दिया कि आर्यन को जमानत दिया जाना इस मामले की जांच को पटरी से उतार सकता है। दूसरी तरफ, जमानत पर बहस करते हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि आर्यन अभी युवा हैं। उन्हें जेल के बजाय पुनर्वास केंद्र भेजा जाना चाहिए।
मोबाइल चैट के आधार पर जमानत का विरोध
आर्यन की जमानत याचिकाएं मजिस्ट्रेट कोर्ट एवं सत्र न्यायालय में खारिज हो चुकी हैं। एनसीबी अब तक आर्यन के मोबाइल चैट के आधार पर ही उनकी जमानत का विरोध करती आ रही है और कह रही है कि वे अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडीकेट से संबंध रखते हैं। उन पर साजिश में शामिल होने की धाराएं भी लगाई गई हैं। एनसीबी ने उच्च न्यायालय में दायर अपने हलफनामे में प्रभाकर सैल के दावे का उदाहरण देते हुए कहा कि जांच को पटरी से उतारने के लिए ये तरीके अपनाए जा रहे हैं। जांच में हस्तक्षेप किया जा रहा है
जमानत पर रिहा होने पर साक्ष्यों से छेड़छाड़ संभव
एनसीबी का कहना था कि प्रभाकर सैल के हलफनामे जैसा दस्तावेज किसी भी अदालत के समक्ष अब तक प्रस्तुत नहीं किया गया है। ऐसा इस तथ्य के बावजूद किया जा रहा है कि यह मामला उच्च न्यायालय एवं सत्र न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। एनसीबी ने कहा कि आर्यन प्रभावशाली व्यक्ति हैं और जमानत पर रिहा होने पर साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। एनसीबी के अनुसार, आर्यन विदेश में उन लोगों के संपर्क में थे, जो अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडीकेट का हिस्सा थे। अरबाज मचर्ेंट से आर्यन के संबंधों का जिक्र करते हुए एनसीबी ने कहा है कि खान और मचर्ेंट एक-दूसरे के निकट सहयोगी हैं। इसलिए एक आरोपित की भूमिका को दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता।
मुकुल रोहतगी हैं आर्यन के वकील
पूर्व महाधिवक्ता मुकुल रोहतगी उच्च न्यायालय में आर्यन के वकील हैं। जस्टिस नितिन सांब्रे के सामने आर्यन का पक्ष रखते हुए उन्होंने सबसे पहले साफ किया कि उनका प्रभाकर सैल एवं समीर वानखेड़े विवाद से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कोर्ट से प्रार्थना की कि उनकी जमानत अर्जी पर प्रभाकर सैल या समीर वानखेड़े के दावों/प्रतिदावों से अप्रभावित होकर गुणों के आधार पर ही फैसला किया जाए। रोहतगी ने कहा कि मैं स्पष्ट कर रहा हूं कि मेरे पास किसी भी एनसीबी अधिकारी के खिलाफ कुछ भी नहीं है। एनसीबी के तर्कों को काटते हुए रोहतगी ने कहा कि चैट का वर्तमान परिदृश्य से कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए साजिश जैसे सामान्य वाक्यांश का प्रयोग करना ठीक नहीं है।