Akhilesh Yadav ने सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे का निकाला फॉर्मूला, जानें क्या है रणनीति?
Akhilesh Yadav ने सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे का निकाला फॉर्मूला, जानें क्या है रणनीति?
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में जारी उठापटक के बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को गठबंधन के सहयोगियों के साथ बैठक कर विधानसभा सीटों पर अंतिम मुहर लगा दी है। पहले व दूसरे चरण के चुनाव के लिए अब प्रत्याशियों की घोषणा एक-दो दिनों में हो सकती है। इस बीच सपा प्रमुख ने शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी के रूप में बुलंदशहर की अनूपशहर सीट से केके शर्मा को चुनाव लड़ाने की घोषणा की है।
अखिलेश ने जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में गठबंधन के सहयोगी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई थी। बैठक में प्रसपा प्रमुख और चाचा शिवपाल सिंह यादव और उनके बेटे आदित्य यादव, सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर, महान दल के केशव देव मौर्य, अपना दल कमेरावादी की कृष्णा पटेल, जनवादी पार्टी सोशलिस्ट के संजय चौहान, रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डा. मसूद अहमद व एनसीपी के केके शर्मा भी मौजूद रहे। सूत्रों के अनुसार बैठक में सहयोगी दलों को दी जाने वाली सीटों पर भी अंतिम रूप से चर्चा हुई।
सीटों को अंतिम रूप देने के साथ ही तय हुआ कि प्रत्याशियों की सूची चरणवार तरीके से जारी की जाएगी। हालांकि, बैठक के बाद अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विकास और भविष्य पर चर्चा के साथ चुनावी रणनीति पर गठबंधन के सहयोगियों के साथ विचार विमर्श हुआ है। किसानों की खुशहाली, नौजवानों को रोजगार, महंगाई पर रोक, स्वास्थ्य सेवाओं एवं शिक्षा व्यवस्था में सुधार, कानून व्यवस्था में सुधार, व्यापारियों की सुरक्षा, स्वच्छ शुद्ध पेयजल, गरीबों को पेंशन, महिलाओं का सम्मान, उद्योग एवं इंफ्रास्ट्रक्चर में विस्तार, नदियों की सफाई सहित विकास के अन्य मुद्दों पर भी बात हुई।
बैठक में यह भी तय किया गया कि मतदाताओं से सीधा संपर्क कर कार्यकर्ता हर दरवाजे पर जाकर गठबंधन की सरकार बनाने का आग्रह करेंगे। जनता के साथ सीधा संवाद कायम होगा। अखिलेश कहा कि लोकतांत्रिक, समाजवादी और सामाजिक सद्भाव की पक्षधर ताकतों को एक साथ जोड़ रहे हैं। राज्य की जनता भाजपा से ऊब चुकी है। गठबंधन विकास, सद्भाव और न्याय के लिए प्रतिबद्ध है। भाजपा की बांटने और अपमान करने वाली राजनीति के खिलाफ सबको सम्मान देने वाली राजनीति का इंकलाब होगा। जनता भाजपा के खिलाफ है वर्ष 2022 के चुनाव में अपना फैसला सुनाएगी और समाजवादियों एवं आंबेडकरवादियों को ही चुनेगी।
शिवपाल के बेटे आदित्य भी लड़ सकते हैं चुनाव : बुधवार सुबह सबसे पहले प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव अपने बेटे आदित्य यादव के साथ अखिलेश यादव से मिलने उनके आवास पहुंचे। दोनों के बीच करीब एक घंटे बात हुई। सूत्रों के अनुसार दोनों के बीच छह सीटों पर लगभग सहमति बन गई है। चर्चा है कि शिवपाल की पार्टी को गुन्नौर (बदायूं), जसवंतनगर (इटावा), भोजपुर (फर्रूखाबाद), जसराना (फीरोजाबाद), मुबारकपुर (आजमगढ़) व गाजीपुर सीट दी जा रही है। शिवपाल के बेटे आदित्य यादव भी चुनाव में अपनी किस्मत आजमा सकते हैं।
चौथे चरण में चुनाव लड़ेगी सुभासपा : सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का बेटे अरविंद राजभर भी चुनाव लड़ सकते हैं। राजभर ने कहा कि पहले चरण के प्रत्याशियों की पहली सूची गुरुवार को जारी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी चौथे चरण की विधान सभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
अखिलेश ने कृष्णा पटेल को दिया बड़ा सम्मान : अखिलेश यादव ने बुधवार को सहयोगी दलों के नेताओं की बैठक में अपना दल की कृष्णा पटेल को बड़ा सम्मान देते हुए बीच की मुख्य कुर्सी पर उन्हें बैठाया। इस सीट पर अखिलेश को खुद बैठना था ङ्क्षकतु उन्होंने बैठक में शामिल एक मात्र वयोवृद्ध महिला नेता को बैठाया।