ड्रग्स तस्करी के आरोपी अकाली नेता मजीठिया की बढ़ी मुश्किलें, अदालत ने खारिज की अग्रिम जमानत याचिका
ड्रग्स तस्करी के आरोपी अकाली नेता मजीठिया की बढ़ी मुश्किलें, अदालत ने खारिज की अग्रिम जमानत याचिक
मोहाली। ड्रग्स केस में फंसे अकाली नेता बिक्रम मजीठिया की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। जिला अदालत ने शुक्रवार को मजीठिया की जमानत याचिका खारिज कर दी। अतिरिक्त जिला सेशन जज संदीप कुमार सिंगला की अदालत में शुक्रवार को जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान सरकारी व बचाव पक्ष में करीब तीन घंटे बहस हुई। कोर्ट के अपना पक्ष रखने के बाद बचाव पक्ष के वकीलों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अदालत में हम ने अपना पक्ष रख दिया है। बचाव पक्ष के वकीलों ने कहा कि पंजाब में चुनाव की वजह से सत्ताधारी सरकार मजीठिया को टारगेट कर रही है। जिन लोगों के बयानों पर मजीठिया पर मामला दर्ज किया गया है उनमें से कईयों को सजा हो चुकी है और कई बरी हो चुके हैं।
कोर्ट को इस बात से भी अवगत करवाया गया कि सरकार ने मामला दर्ज करवाने के लिए ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन और पंजाब पुलिस महानिदेशक व अन्य अधिकारियों को लगातार तबादले किए गए या उन्हें हटाया गया। वहीं सरकारी वकील रमन कौशल ने कहा कि कोर्ट को बताया गया है कि यह ड्रग्स की कॉमर्शियल क्वांटिटी से जुड़ा मामला है। इसलिए मजीठिया को अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती।
कौशल ने बताया कि कोर्ट बताया कि पूर्व में मुख्यमंत्री रहे कैप्टन सरकार ने जानबूझ कर आरोपित के खिलाफ कार्यवाही नहीं की। इस लिए मजीठिया को इस मामले में अग्रिम जमानत नहीं मिलनी चाहिए। ध्यान रहे कि बीते मंगलवार को बिक्रम जीत सिंह मजीठिया पर एनडीपीसी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। शुक्रवार को अकाली वर्करों ने सरकार पर जमकर जुबानी हमले बोले। अकालियों ने कहा कि कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू को खुश करने के लिए पुलिस और सरकार ने यह कदम उठाया है।
उन्होंने डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय पर भी रंजिश निकालने का आरोप लगाया। कांग्रेस चुनाव की वजह से अफसरों को धमका रही। उधर ड्रग्स केस दर्ज होने के चार दिन बाद पंजाब पुलिस अभी तक अकाली नेता बिक्रम मजीठिया को नहीं पकड़ सकी है। पुलिस की टीम ने पड़ोसी राज्यों में रेड की है, लेकिन मजीठिया नहीं मिले। मजीठिया को पकडऩे के लिए पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही है।