वायुसेना का मिग-21 जैसलमेर के पास हुआ दुर्घटनाग्रस्त, पायलट Harshit Sinha की मौत
वायुसेना का मिग-21 जैसलमेर के पास हुआ दुर्घटनाग्रस्त, पायलट Harshit Sinha की मौत
जयपुर। राजस्थान में पाकिस्तान सीमा से सटे जैसलमेर जिले के सम क्षेत्र में सुदासरी नेशनल डेजर्ट पार्क के पास शुक्रवार रात करीब साढ़े आठ बजे लड़ाकू विमान मिग-21 गिर गया। गिरने पर धमाके के साथ उसमे आग लग गई। इस दुर्घटना में पायलट विंग कमांडर हर्षित सिन्हा की मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही सेना, पुलिस व प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए। कलेक्टर आशीष मोदी ने विमान के गिरने की पुष्टि की है। वायुसेना ने जांच के आदेश दिए हैं।
गौरतलब है कि इसी साल अगस्त महीने में राजस्थान के ही बाड़मेर जिले में मिग-21 क्रैश हो गया था। जानकारी के अनुसार जैसलमेर जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर सम के गंगा गांव के बाहर यह हादसा हुआ है। विमान के एक कच्ची झोपड़ी पर गिरने की बात सामने आई है। झोपड़ी के अंदर कोई नहीं था। विमान के गिरने के साथ ही उसमें लगी आग को बुझाने के लिए जैसलमेर से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भेजी गई। बड़ी मुश्किल से आग पर काबू पाया जा सका।
उधर, धमाके की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण घटनास्थल के निकट पहुंच गए । ग्रामीणों ने ही पुलिस को सूचना दी। बताया जाता है कि पायलट ने अभ्यास के लिए उड़ान भरी थी, मगर तकनीकी खराबी के कारण दुर्घटना हो गई। गौरतलब है कि मिग-21 ने 1971 के भारत-पाक युद्ध, 1999 के कारगिल युद्ध समेत कई मौकों पर अहम भूमिका निभाई है।जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा कि सम थाना क्षेत्र के डेजर्ट नेशनल पार्क के इलाके में विमान दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना है। स्थानीय खाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई।
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। इससे पहली इसी साल अगस्त में मिग-21 बाइसन विमान राजस्थान के बाड़मेक जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। मार्च 2021 में ग्वालियर एयरबेस पर एक मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। साल 2019 सितंबर में महाराजपुरा वायुसेना स्टेशन से उड़ान भरने के बाद चौधरी का पुरा गांव में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे में बालाकोट एयर स्ट्राइक में शामिल रहे ग्रुप कैप्टन यशपाल सिंह नेगी और स्कवाड्रन लीडर शिवानंद घायल हो गए थे। हादसे की जांच का आदेश दिया गया था।
बता दें कि भारतीय वायुसेना के बेड़े में मिग-21 विमान पहली बार वर्ष 1960 में शामिल हुए थे। अब इसके अपडेटेड वर्जन मिग 21 बाइसन का प्रयोग होता है। इसमें एक बड़ा सर्च एंड ट्रैक रडार लगा है। इससे नियंत्रित मिसाइल संचालित होते हैं, जो बीवीआर तकनीक का इस्तेमाल से गाइडेड मिसाइलों का रास्ता तय करते हैं। यह इसे घातक लड़ाकू विमान की युद्ध क्षमता के काबिल बनाता है। इन लड़ाकू विमानों में इस्तेमाल किए गए इलेक्ट्रानिक और इसकी काकपिट उन्नत किस्म की होती है।