बाल कलाकारों के रूप में उभर रहे है शहर के आरव व अनव दुआ

बाल कलाकारों के रूप में उभर रहे है शहर के आरव व अनव दुआ

बाल कलाकारों के रूप में उभर रहे है शहर के आरव व अनव दुआ

बाल कलाकारों के रूप में उभर रहे है शहर के आरव व अनव दुआ

जल्द दिखाई देगें शाहिद कपूर के साथ फिल्म जर्सी में

यमुनानगर, 22 दिसम्बर (आर. के. जैन):
किसी भी मंच पर अभिनय या अदाकारी का प्रदर्शन करने से कुछ नया सीखने के अतिरिक्त जीवन में आगे बढऩे की प्रेरणा मिलती है। मंच पर प्रस्तुति करना बहुत कठिन काम है। कला के समावेश के बिना शिक्षा के क्षेत्र की उपलब्धियां भी अधूरी रह जाती है। कला के समावेश से ही बच्चों में प्रतिभा का निखार आता है। इसके साथ देश व राष्ट्र व समाज के प्रति सेवा की भावना पनपती है और अपने उत्तरदाईत्व का अभास होता है। शिक्षा के साथ-साथ कला के संगम से शारीरिक व मानसिक विकास होता है। इसी प्रकार शहर के मॉडल कालोनी में रहने वाले बाल कलाकार अब फिल्मी पर्दें पर दिखाई देगें। विभिन्न फिल्मों में बाल कलाकार के रूप में अदाकारी करने वाले आरव दुआ व अनव दुआ से जब मुलाकात की तो उनकी माता अवनीत दुआ ने बताया कि बच्चों ने आदाकायरी के गुण प्राप्त करने के लिये कई एक्टिंग क्लास लगाई, जिससे इनके हुनर में और अधिक निखार आया। इंडिया बैस्ट ड्रामेबाज चण्डीगढ़ का ऑडीशन पास किया और उसके बाद कई देशी व विदेशी उत्पादों अमाजॉन, शॉपकलूज़, फ्लिपकार्ट, जुरासिक पार्क, रोड मास्टर बाईसिकल आदि के विज्ञापनों में काम किया। इन विज्ञापनों के अतिरिक्त पंजाबी गायक व एक्टर एम्मी विक्र, आर. नेत, विरेन्द्र नद्धा, बी. प्राक आदि के साथ किया। उन्होंने आगे बताया कि बच्चों की कलाकारी से प्रभावित होकर उन्हें बड़े पर्दें की फिल्म चण्डीगढ़ करे आश्की में मुख्य बाल कलाकार के रूप में काम करने के लिये ऑफर मिला। इस फिल्म में दोनों बच्चे फिल्म कलाकार आयुषमान खुराना के भांजे का किरदार अदा किया है। चण्डीगढ़ करे आश्कर टी-सीरीज़ प्रॉडक्शन की फिल्म में जिसका निर्देशन अभिषेक कपूर ने किया है। वाणी कपूर तथा आयुषमान खुराना ने इसमेंमुख्य किरकार के रूप में कार्य किया है। इसके साथ बच्चे जल्द ही शाहिद कपूर की फिल्म जर्सी में दिखाई देंगें। पिता डा. सचिन दुआ ने बताया कि इस विज्ञापनों, गानों व फिल्मों में अदाकारी करने के साथ यह बच्चे अपनी पढ़ाई में आगे है। स्कूल के प्रबंधक, अध्यापक, मित्र सथा संबंध सभी भरपूर सहयोग दे रहे है। उन्होंने बताया कि फिल्मों की शूटिंग के लिये बच्चों को चण्डीगढ़ के अतिरिक्त बैंगलौर, मुम्बई, दिल्ली, जलंधर आदि कई शहरों में जाना पड़ता है तो उनके साथ अधिक्तर उनकी माता सफर करती है।