हरियाणा में रोजाना हो रहा एक नए भर्ती घोटाले का पर्दाफाश - सूरजेवाला
हरियाणा में रोजाना हो रहा एक नए भर्ती घोटाले का पर्दाफाश
चंडीगढ़, 25 अक्टूबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा की महिला कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में 38 ओएमआर शीट खाली होने और सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में 10 प्रश्नों के उत्तर गलत होने की स्वीकारोक्ति से स्पष्ट हो गया है कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग निष्पक्ष भर्ती करने में पूरी तरह अक्षम और नाकारा है।
सत्ता में उच्च पदों पर बैठे लोग इन भर्ती घोटालों में सीधे रुप से शामिल और जिम्मेदार हैं। ऐसे में इस कमीशन को भंग करके नया कमीशन गठित होना चाहिए और सभी विवादित भर्ती परीक्षाएं दोबारा आयोजित की जाएं ताकि हरियाणा के शिक्षित बेरोजगारों को को न्याय मिल सके।
सुरजेवाला ने कहा कि जब से ये सरकार आई है, तब से हर भर्ती में एक नए घोटाले का पर्दाफाश हो रहा है और आज यह खुलासा भी हुआ है कि पिछले दो साल में हरियाणा के 1587 युवाओं ने नौकरी के झांसे में 32.62 करोड़ रुपए की ठगी होने की एफआईआर दर्ज करवाई। ठगी करने के मामलों में अधिकतर युवाओं से सरकार में ऊँचे राजनैतिक और सरकारी पदों पर बैठे लोगों के नाम पर पैसे वसूले गए।
हमारा मानना है कि शिकायतों का यह आंकड़ा केवल असली ठगी और पैसों के बदले दी गई नौकरियों के मुकाबले में एक छोटा सा हिस्सा है। यदि 1587 युवाओं ने पुलिस में जाकर शिकायत करने की हिम्मत दिखाई तो असली आंकड़ा 1 लाख से ज्यादा होगा। पेपर लीक के मामलों में तो हजारों करोड़ रुपए की लूट अलग से होगी, पर इसके बावजूद न तो कोई दोषी है, न किसी को सजा हो रही क्योंकि खट्टर सरकार में नौकरी लूट का लाइसेंस बन गई है और रक्षक ही भक्षक बन गया है।
सुरजेवाला ने कहा कि कमीशन ने स्वयं माना है कि महिला कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में गडबड़झाला हुआ और 38 ओमएमआर शीट खाली मिली हैं। क्या किसी ने बाकी खाली सैंकड़ों या हजारों ओएमआर शीटों को भरकर अपनी-अपनी भर्तियां सुनिश्चित तो नहीं कर ली। 38 ओएमआर शीट का खाली होना एक बड़े घोटाले की तरफ़ इशारा करता है, जिसकी जांच के लिए हरियाणा विजिलेंस या सरकार की किसी जांच एजेंसी पर भरोसा नहीं किया जा सकता। सभी भर्ती घोटालों की जांच हरियाणा और पंजाब हाई कोर्ट के दो सिटिंग जजेस की कमीशन से होनी चाहिए, क्योंकि हरियाणा सरकार कि किसी जांच एजेंसी पर प्रदेश के युवाओं को भरोसा नहीं है।