युवा वर्ग द्वारा आयोजित किया गया 94 वां गऊ वंशज सेवा कार्य

युवा वर्ग द्वारा आयोजित किया गया 94 वां गऊ वंशज सेवा कार्य

युवा वर्ग द्वारा आयोजित किया गया 94 वां गऊ वंशज सेवा कार्य

युवा वर्ग द्वारा आयोजित किया गया 94 वां गऊ वंशज सेवा कार्य

गऊशाला में पहुँचाया गया 2000 किलो चारा, केले, गुड़ व नमक

यमुनानगर, 18 फरवरी (आर. के. जैन):
मूक प्राणीयों की सेवा को सबसे बड़ी सेवा कहा जाता है, और यह भी माना जाता है कि इन बेजुबानों की सेवा करने से सभी प्रकार के कष्ठ व पीड़ा दूर होती है, क्योंकि मनुष्य अपने दुख-दर्द व जरुरतें कह कर व बता कर पूरी करा लेता है किन्तु बेजुबान पशु अपनी तकलीफ किसी को नहीं बता पाते है। ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता है कि हम अधिक से अधिक सेवा कार्य कर इन प्राणियों की पीड़ा को कम करने का प्रयास करे यह शब्द चैरेटेबल ग्रुप के द्वारा आयोजित गऊ वंशज सेवा कार्य के दौरान पुनीत गोल्डी जैन ने कहे। चैरेटेबल ग्रुप के द्वारा गऊ वंशजों की सेवा कार्य निरंतर जारी है, इसी श्रंखला में 94 वां मूकप्राणी सेवा कार्यक्रम का आयोजन पारस परिवार के सहयोग से गऊशाला प्रांगण में किया गया, जिसमें ग्रुप के सेवा दारों ने गऊ वंशजों की सेवा की और पुण्य कमाया। कार्यक्रम में दानी परिवार द्वारा पशुओं के लिये चारे, केले, नमक व गुड़ की सेवा की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता अजय जैन ने की तथा संचालन पुनीत गोल्डी जैन ने किया। अजय जैन ने बताया कि पशु-पक्षी प्राकृति का साकार रूप है, इसका अस्तित्व निश्चित रूप से मानवमात्र के लिये शाश्वत, प्रेरत व मंगलमय है, क्यों धर्म के अनुसार मानव मात्र के अतिरिक्त अन्य जीवों पर दया करना भी श्रेष्ठ व आवश्यक कार्य है। उन्होंने बताया कि यह सेवा कार्य एक वर्ष से भी अधिक समय पहले आरम्भ किया गया था और तब से अब तक यह निरंतर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस सेवा कार्य के अंतर्गत गाऊओं की संख्या को देखते हुये चारे की मात्रा को बढ़ा कर 2000 किलों कर दिया गया है और यह चारा प्रति सप्ताह गऊशाला लाकर गायों के खाने के लिये दिया जाता है। गायोंं के लिये चारा लाने के लिये वाहन की सेवा भी निशुल्क प्रदान की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि मूक प्राणी की सेवा हमारा मुख्य उद्देश्य है, इसी लिये हमारा यह प्रयास है कि इस सेवा को अधिक से अधिक समय तक जारी रखा जा सके। पुनीत जैन ने कहा कि हम सभी को प्रयास करना चाहिये की अपने व अपने परिवार सदस्यों के जन्म दिवस, शादी की साल गिराह व अन्य अवसरों पर गायों की सेवा के लिये सहयोग देकर पुण्य के भागीदार बने। इस अवसर पर ग्रुप के सदस्यों ने सहयोग दिया।