9 years of Manohar government

Editorial:मनोहर सरकार के 9 साल, सबतै आग्गे म्हारा हरियाणा

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9 years of Manohar government

9 years of Manohar government मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा में भाजपा सरकार के 9 साल प्रदेश में विकास और परिवर्तन के ऐसे वर्ष हैं, जिन पर न केवल गौरवान्वित हुआ जा सकता है, अपितु जो पूरे देश के लिए प्रेरणा पुंज का भी काम कर रहे हैं। इन वर्षों में हरियाणा ने अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन हरियाणा एक-हरियाणवी एक के महान विचार के उद्घोषक मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस परिवर्तन यात्रा को निरंतर अग्रसर रखा है। सरकार के पहले कार्यकाल में भाजपा एकल बहुमत से सत्ता में आई थी और उसने प्रदेश के कायापलट के प्रयास शुरू किए थे। उन वर्षों में अनेक चुनौतियां सरकार के समक्ष रही, लेकिन उन पर पार पाते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपनी नेतृत्व कुशलता का परिचय दिया।

दूसरे कार्यकाल में एक गठबंधन सरकार का नेतृत्व करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जहां अपने सहयोगी दल जजपा को संपूर्ण सम्मान दिया, वहीं प्रदेश के सभी 90 हलकों में विकास की जो बयार बहाई है, वह प्रदेश में अब तक अछूती ही थी। एक समय वह था, जब प्रदेश में क्षेत्रवाद का आरोप हावी था, पहले के मुख्यमंत्रियों पर इसके आरोप आम बात थे कि उन्होंने सिर्फ अपने इलाकों में ही विकास कराया। हालांकि भाजपा सरकार में यह आरोप और धारणा पूरी तरह से साफ हो गया। अब प्रदेश के सभी हलके समान रूप से विकास की ओर अग्रसर हैं और यह सब कुशल नेतृत्व एवं उदार सोच से ही संभव हो पाया है।

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि एक समय हरियाणा में नौकरियों की बोली लगती थी। पर्चियों पर नाम लिखे जाते थे और किसी को पता नहीं चलता था कि किसे नौकरी मिल जाए। हालांकि मनोहर सरकार ने नौकरियों में पारदर्शिता की ऐसी नींव रखी है, जोकि अनुपम साबित हो रही है। इस समय मेरिट के आधार पर युवाओं को नौकरियां मिल रही हैं। बेशक, पर्चे आउट होने और नकल संबंधी मामले सामने आते हैं, लेकिन सरकार परीक्षा को रद्द  करके उसे पुन: संचालन की व्यवस्था करके ऐसी नजीर कायम करती है, जोकि नकल माफिया और अपराधी तत्वों के लिए बड़ी चुनौती बन जाती है।

गौरतलब है कि इस समय प्रदेश में 1.10 लाख से अधिक युवा सरकारी नौकरी हासिल कर चुके हैं। हरियाणा के वर्तमान परिदृश्य में सबसे बड़ा परिवर्तन इसके डिजिटल होने की वजह से आया है। एक समय प्रदेश को महज खेती-बाड़ी वाला प्रदेश ही समझा जाता था, लेकिन आज वही प्रदेश न केवल खेती में सर्वोत्तम है, अपितु टेक्नोलॉजी और डिजिटल क्रांति का अग्रदूत भी बन चुका है। यह भी कितना खूब है कि दूसरे राज्यों की सरकारें हरियाणा में डिजिटल क्रांति से सीख ले रही हैं और अपने यहां भी उसका प्रतिपादन कर रही हैं। परिवार पहचान पत्र, भू स्वामित्व योजना, फर्द का ऑनलाइन होना समेत दूसरी अनेक डिजिटल तकनीक आधारित योजनाओं ने प्रदेश के लोगों का जीवन सुगम बना दिया है।

प्रदेश में ऑनलाइन शिक्षक तबादला नीति भी सार्थक योजना है। प्रदेश में शैक्षिक माहौल में ऊर्जा है और अब बच्चों, किशोरों और युवाओं का भविष्य सुनहरा नजर आ रहा है। राज्य के 10वीं और 12वीं के बच्चों को 5 लाख लैपटॉप प्रदान किए गए हैं, जिससे बच्चे ऑनलाइन अपना होमवर्क और अन्य ज्ञानवर्धक जानकारी हासिल कर पा रहे हैं। मालूम हो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में हरियाणा की शिक्षक तबादला नीति की सराहना की है। अब इस नीति को दूसरे विभागों में भी लागू किया जा रहा है।

इस नीति का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों के पास तबादले की सिफारिश लेकर घूमने के दिन बीत गए। एक जमाने में यह भी अपने आप में भ्रष्टाचार का एक बड़ा उपक्रम होता था और तबादले के नाम पर रिश्वत बटोरी जाती थी। हरियाणा में अब किसानों की जमीन का जबरन अधिग्रहण बंद हो गया है, सरकार अब किसानों की इच्छा के मुताबिक जमीन खरीद रही है। इससे किसान वर्ग में खुशी और संतोष है।

राज्य के छह हजार गांवों में अब 24 घंटे बिजली सप्लाई हो रही है। एक समय बिजली को लेकर हाहाकार की स्थिति थी, बिजली के बिल भी नहीं भरे जा रहे थे। राज्य में अब कन्या भ्रूण हत्या का कलंक भी धुल गया है। साल 2014 में लिंगानुपात महज 871 होता था जोकि अब 932 हो गया है।   वास्तव में मनोहर सरकार ने हरियाणा को प्रगति की पगडंडी नहीं अपितु उसे हाईवे पर ला दिया है। राज्य में बेहतर रोड और सडक़ नेटवर्क ने पूरे प्रदेश को जोड़ दिया है। पुलिस विभाग के सुधारीकरण की दिशा में बेजोड़ काम शुरू हुए हैं। इन सब कार्यों की बदौलत हरियाणा बहुत जल्द संपूर्ण रूप से विकसित प्रदेश बन जाएगा। ऐसे में यह कहना सार्थक होगा, सबतै आग्गै म्हारा हरियाणा।

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