9 वर्षीय बच्ची क्यू पहूची हाईकोर्ट, देखे पूरा मामला
9 वर्षीय बच्ची क्यू पहूची हाईकोर्ट, देखे पूरा मामला
13 अप्रैल, 2013 को बैसाखी वाले दिन जन्मी 9 वर्षीय नवजोत कौर मान अपने 'मान' की लड़ाई के लिए हाईकोर्ट पहुंची है। सेक्टर 56 पलसोरा में रहने वाली इस 9 वर्षीय बच्ची को चंडीगढ़ प्रशासन ने इस वजह से एससी सर्टिफिकेट जारी नहीं किया क्योंकि उसके नाम के पीछे 'मान' है।
बच्ची के पिता सतनाम सिंह चंडीगढ़ में होम गार्ड हैं। वह कहते हैं कि प्रशासन इस कारण उनकी बच्ची का एससी सर्टिफिकेट बनाने से मना कर रहा है क्योंकि बच्ची के नाम के पीछे 'मान' है। बच्ची के पिता के मुताबिक प्रशासन कह रहा है कि मान गोत्र जट्टों का हैं। ऐसे में वह एससी कैसे हो गए?
मामले में चंडीगढ़ प्रशासन, डिप्टी कमिश्नर और एसडीएम (साउथ) को पार्टी बनाया गया है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से मांग की गई है कि प्रतिवादी पक्ष को आदेश दिए जाए कि उनकी बच्ची का एससी सर्टिफिकेट जारी करें। बच्ची फिलहाल शहर के एक निजी स्कूल में चौथी में पढ़ रही थी और पांचवी में सरकारी स्कूल में दाखिला चाहती थी। सरकारी स्कूलों में एससी कैटेगरी के बच्चों के लिए फीस में छूट का प्रावधान है। हाईकोर्ट जस्टिस राजबीर सेहरावत की बैंच ने 21 जुलाई के लिए केस की सुनवाई तय की है। इस बीच याची पक्ष को संबंधित दस्तावेज पेश करने को कहा गया है।
जब गोत्र ही 'मान' है तो कैसे हटा दें
सतनाम सिंह का कहना है कि उनका गांव पंजाब में खन्ना के पास है और उनके गांव का गोत्र मान ही है। उनकी बड़ी बेटी सिमरन कौर मान ने भी गोत्र लगाया हुआ है। वह पहले पंजाब में रहते थे। वहां से उनकी बड़ी बेटी का एससी का सर्टिफिकेट जारी हुआ था। ऐसे में चंडीगढ़ प्रशासन क्यों उनका हक नहीं दे रहा है। सतनाम ने कहा कि उन्होंने अपने नाम के पीछे गोत्र नहीं लगवाया मगर आज की पीढ़ी गोत्र लगवाने लगी है। इसी के चलते उन्होंने बेटी के नाम के पीछे गोत्र लगा दिया था।
अब प्रशासन उनसे गोत्र हटाने को कह रहा है। सतनाम कहते हैं कि वह गोत्र क्यों और कैसे हटा सकते हैं। उनकी बेटी के बर्थ सर्टिफिकेट से लेकर बाकी दस्तावेजों में गोत्र है। ऐसे में उन्हें उनका जायज़ हक मिलना चाहिए। सतनाम के मुताबिक एससी सर्टिफिकेट मिलने से उनकी बच्ची को पढ़ाई में खर्च में कुछ रियायत मिलेगी।
रामदासिया समुदाय से हैं और एससी हैं
एडवोकेट दमनप्रीत सिंह सैणी बच्ची की तरफ से हाईकोर्ट में केस लड़ रहे हैं। बच्ची और उनका परिवार रामदासिया समुदाय से संबंध रखता है। यह रिजर्व कैटेगरी में आता है। संविधान में इसका जिक्र भी है। 27 दिसंबर, 2021 को बच्ची के एससी सर्टिफिकेट के लिए प्रशासन से मांग की गई थी। कई बार उन्होंने प्रशासन के पास प्रार्थना की और सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाए। हालांकि उनकी बच्ची का सर्टिफिकेट नहीं बना। 2 मार्च को एक मांग पत्र देते हुए एसडीएम(साउथ) के पास लंबित अर्जी पर कार्रवाई की मांग भी की गई थी।