कश्मीर से तीन दशक में 88 फीसदी पंडितों ने किया पलायन
कश्मीर से तीन दशक में 88 फीसदी पंडितों ने किया पलायन
चंडीगढ़। वर्ष 1990 से कश्मीर में आंतकवाद शुरू होने के समय से पिछले 31 वर्षों में आंतकवादियों के हाथों कुल 1724 व्यक्ति मारे गए हैं। इनमे से कुल पांच प्रतिशत यानी कुल 89 कश्मीरी पंडित मारे गए, जबकि आंतकवादियों के हाथों कुल मरने वालों में से 95 प्रतिशत यानि 1635 व्यक्ति अन्य धर्म के मारे गए। इसी तरह पलायन करने वाले कुल एक 54 हजार 161 लोगों मे से सर्वाधिक कुल एक लाख 35 हजार 426 यानी 88 परसेंट कश्मीरी पंडितों ने पलायन किया। वहीं पलायन करने वालों में अन्य की संख्या मात्र 12 परसेंट है,जिनमें मुख्यत: मुस्लिम लोग शामिल हैं। कपूर ने बताया कि पलायन के बाद घर वापसी करने वाले कश्मीरी पंडितों व अन्य की संख्या की सूचना डिविजऩल कमिश्नर कश्मीर ने नहीं दी ।
आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने कहा कि इस चौंकाने वाले खुलासे से स्पष्ट है कि कश्मीरी पंडितों का इस्तेमाल आरएसएस,बीजेपी ने सिर्फ देश में नफरत फैला कर वोट बटोरने के लिए ही किया । इनके लिए हकीकत में कुछ नहीं किया। कपूर ने रिलीफ एंड रिहेबिलिटेशन कमिश्नर जम्मू कार्यालय से आरटीआई में प्राप्त सूचना के आधार पर बताया कि पिछले 31 वर्षों में कुल पलायन शुदा 1,54,161 व्यक्तियों में से 1,35,426 हिंदुओं,18735 मुस्लिमों ने पलायन किया ।इनमें से 53978 हिंदुओं ,11212 मुस्लिमों,5013 सिखों व 15 अन्य को सरकारी सहायता मिल रही है । जबकि 81448 हिंदू,949 मुस्लिम,1542 सिक्ख व 4 अन्य सहित कुल 83,943 व्यक्ति सरकारी सहायता से वंचित हैं। हर रजिस्टर्ड कश्मीरी प्रवासी को सरकार की ओर से हर महीने 3250 रुपये,9 किलो चावल,2 किलो आटा व एक किलो चीनी की सहायता मिलती है। भारत सरकार द्वारा पिछले 10 वर्षों में (वर्ष 2010-2011 से 2020-2021 तक) सभी पलायन शुदा कश्मीरियों पर कुल करीब 5476.58करोड रुपये खर्च किये गए हैं।इनमें से 1887.43 करोड़ रु नगद सहायता,2100 करोड़ रु खाद्यान्न,20.25 करोड़ रु इंफ्रास्ट्रक्चर,82.39 करोड़ रु नागरिक गतिविधियां कार्यक्रम,106.42करोड़ रु सहायता एवं पुनर्वास,1156.22 करोड़ रु पीएम सैलरी पैकेज,123.87 करोड़ रुपये का दस प्रतिशत सरकारी एनपीएस का हिस्सा शामिल है।