हम कहां आ गए... अफ्रीका से भारत पहुंचे 8 चीतों को नहीं आ रहा कुछ समझ, इधर PM मोदी बन गए 'कैमरामैन', क्या आपने देखीं MP के कूनो नेशनल पार्क की ये तस्वीरें
8 Cheetahs Releases In MP Kuno National Park
8 Cheetahs Releases In MP Kuno National Park : एक लंबे समय और बड़े इतंजार के बाद आखिरकार 'चीतों' का भारत में दोबारा वजूद कायम हो गया| भारत की धरती से विलुप्त हुए चीते अब फिर लौट आये हैं| बतादें कि, अफ्रीकी देश नामीबिया से कुल 8 चीतों को भारत लाया गया है| शनिवार को एक स्पेशल चार्टर्ड कार्गो प्लेन से ये चीते भारत (African Cheetahs Entry In India) लाये गए हैं| इन चीतों को अफ्रीका से भारत लाने में लगभग 17 घंटे का समय लगा| ये चीते नामीबिया से सीधे मध्य प्रदेश के ग्वालियर पहुंचे| जहां से फिर इन्हें वायुसेना के चिनूक हेलीकाप्टर द्वारा श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) पहुंचाया गया|
पीएम मोदी ने चीतों को कूनो नेशनल पार्क छोड़ा
बतादें कि, आज पीएम मोदी का जन्मदिन है और अपने जन्मदिन के इस अवसर पर पीएम मोदी ने अफ्रीका से आये चीतों को अपने हाथों से कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा| इस दौरान पीएम मोदी एक अलग अंदाज में भी नजर आये| पीएम मोदी ने सिर पर गोल टोपी और आंखों पर काला चश्मा लगा रखा था| इसके साथ ही पीएम मोदी ने जब चीतों को कूनो नेशनल पार्क छोड़ा तो इस बीच वह 'कैमरामैन' भी बने| पीएम मोदी ने कैमराबाजी करते हुए खुद चीतों की कई तस्वीरें लीं|
ANI के हवाले से
हम कहां आ गए... अफ्रीका से भारत पहुंचे 8 चीतों को नहीं आ रहा कुछ समझ
इधर, अफ्रीका से भारत पहुंचे 8 चीतों को कुछ समझ नहीं आ रहा है| दरअसल, जैसे ही बॉक्स में बंद चीतों को कूनो नेशनल पार्क में आजाद किया गया तो उनकी जो तस्वीर दिखी उसमें यह साफ़ समझ आ रहा था कि चीते यही सोच रहे हैं कि आखिर वह कहां से कहां गए| चीते कुछ समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर उनके साथ हुआ क्या| वह कहां हैं|
अभी एक महीने में बाड़े में ही रहेंगे चीते
बतादें कि, जिन 8 चीतों को अफ्रीका से भारत के मध्य प्रदेश स्थित कूनो नेशनल पार्क लाया गया है| उनमें से 5 चीते मादा हैं और 3 नर हैं| इन सभी चीतों को अभी एक महीने तक बाड़े में रखा जाएगा| इस दौरान यह देखा जाएगा कि अफ्रीका से आये ये चीते खुद को भारत के तापमान और वातावरण में ढाल पा रहे हैं या नहीं| कहीं ये बीमार तो नहीं हो रहे| बरहाल, चिंता का विषय है कि चीते सही सलामत रहें| उन्हें भारत की आबोहवा पसंद आ जाए| क्योंकि इनके जरिये ही भारत में चीतों की संख्या को बढ़ाना है| बतादें कि, अगर एक महीने सबकुछ ठीक रहा तो फिर इन्हें कूनो नेशनल पार्क के जंगल में आजाद कर दिया जाएगा|
चीतों के लिए कूनो नेशनल पार्क ऐसे ही नहीं चुना गया
बतादें कि, दक्षिण अफ्रीका से चीतों को लाने से पहले कूनो नेशनल पार्क का काफी लम्बे समय तक परीक्षण किया गया है| परीक्षण में यह जाना गया कि क्या यह पार्क अफ्रीका से आने वाले चीतों के लिए अनुकूल रहेगा| परीक्षण में कूनो नेशनल पार्क अफ्रीकी चीतों के लिए एकदम अनुकूल पाया गया| जिसके बाद अफ्रीका से चीतों को लाने की तैयारी शुरू की गई|
कूनो नेशनल पार्क में सारी व्यवस्थाएं
बताते हैं कि, चीतों को घास में रहना ज्यादा पसंद होता है और इसके अलावा उन्हें अपने आस पास पानी की भरपूर मात्रा चाहिए होती है| वहीं, वह हिरन, जंगली सूअर का शिकार करना ज्यादा पसंद करते हैं और यह सब चीजें कूनो नेशनल पार्क में बड़ी भरपूर मात्रा में उपलब्ध हैं|
तेंदुओं को दूर किया जा रहा, गस्त करेगी वन विभाग की टीम
बतादें कि, कूनो नेशनल पार्क में तेंदुओं की भी मौजूदगी है| चीते और तेंदुए वैसे भी आपस में लड़ जाते हैं और जब बात दूसरे देशों से आये चीतों की हो तो तेंदुए उन्हें बिलकुल बर्दाश्त नहीं करेंगे| तेंदुआ चीते पर भारी पड़ता है और उसे नुकसान पहुंचा देता है| इसलिए कूनो नेशनल पार्क से तेंदुओं को दूर किया जा रहा है| इन्हें दूसरी जगहों पर छोड़ा जा रहा है|
ताकि इनमें और चीतों मे टकराव न हो और अगर ऐसा हुआ तो चीतों को नुकसान पहुंचेगा और सारी मेहनत बेकार हो जाएगी| बतादें कि, वन विभाग की एक स्पेशल गस्ती टीम चीतों को सुरक्षित रखने के लिए गस्त करेगी| पार्क में चीतों के लिए बड़े-बड़े बाड़े और मेडिकल केंद्र भी बनाये गए हैं|
चीतों का भारत आना बड़ी बात क्यों?
बतादें कि, भारत में चीते करीब 70 साल से नहीं देखे गए है| वन विभाग द्वारा हर जगह चीतों को तलाशा गया लेकिन वह कहीं नहीं मिले| 50 के दशक में कुछ चीतों को आखिरी बार देखा गया था| तबसे भारत में चीतों का वंश खत्म हो गया| इसलिए अफ्रीकी चीतों को भारत में बसाया जा रहा है ताकि भारत में चीतों की मौजूदगी फिर से कायम हो सके|
Published by Shiva Tiwari