साकेत मिश्रा, तारिक मंसूरी समेत 6 दिग्गज MLC बनाए गए, राज्यपाल ने योगी सरकार के प्रस्ताव पर लगाई मुहर
UP MLC Elections Result
लखनऊ। UP MLC Elections Result: योगी सरकार की ओर से विधान परिषद में छह सदस्यों को मनोनीत करने के प्रस्ताव को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी मिलने के बाद सरकार ने इन छह सदस्यों के मनोनयन की अधिसूचना सोमवार को जारी कर दी है।
ये हुए मनोनीत (These were nominated)
विधान परिषद में मनोनीत किये गए छह सदस्यों में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.तारिक मंसूर, पूर्वांचल विकास बोर्ड के सलाहकार साकेत मिश्र, उप्र अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डा.लालजी प्रसाद, काशी के भाजपा जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, भाजपा ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष रहे रजनीकांत माहेश्वरी और रामसूरत राजभर शामिल हैं। 100 सदस्यीय विप में इन छह सदस्यों के मनोनयन से भाजपा के अब 80 सदस्य हो गए हैं।
विधान परिषद में 80 सदस्यों के साथ बढ़ी सरकार की ताकत (Government's strength increased with 80 members in the Legislative Council)
चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े प्रो.तारिक मंसूर की पहचान उदारवादी मुस्लिम विद्वान के तौर पर है। कुलपति के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिसंबर 2020 में एएमयू के शताब्दी समारोह को संबोधित किया था। यह मौका 64 वर्ष बाद किसी प्रधानमंत्री ने एएमयू में जलसे को संबोधित किया था। वर्ष 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने एमएयू के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया था।
पसमांदा मुसलमानों के बीच पैठ बनाने में जुटी भाजपा (BJP engaged in making inroads among Pasmanda Muslims)
पसमांदा मुसलमानों के बीच पैठ बनाने में जुटी भाजपा ने प्रो.मंसूर को उच्च सदन में भेजकर विरोधियों के साथ खुद मुस्लिमों को भी चौंकाया है। माना जा रहा है कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विरोध में एएमयू से निकलने वाले तीखे स्वर प्रो.मंसूर के कुलपति कार्यकाल में मद्धिम पड़े हैं। उनके अकादमिक कद को देखते हुए सरकार उन्हें विधान परिषद सदस्य बनाने के साथ कोई और जिम्मेदारी भी सौंप सकती है। चर्चा है कि उन्हें किसी आयोग का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। अभी तक विधान परिषद में भाजपा के तीन मुस्लिम सदस्य थे। प्रो. तारिक मंसूर ने कहा कि मैं सरकार का शुक्रगुजार हूं कि मुझे इस काबिल समझा। हमें जो नई जिम्मेदारी मिलेगी, उससे प्रदेश और देश के विकास के लिए काम करेंगे।
भाजपा का दलित चेहरा (Dalit face of BJP)
भाजपा के दलित चेहरे के रूप में पहचान बनाने वाले निर्मल आंबेडकर महासभा ट्रस्ट के अध्यक्ष होने के साथ ही राजधानी में निर्माणाधीन आंबेडकर डा.भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं संस्कृति केंद्र की प्रबंध समिति के अध्यक्ष भी हैं। योगी सरकार ने उन्हें उप्र अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष पद का ओहदा दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के करीबी रहे हंसराज विश्वकर्मा काशी के भाजपा जिलाध्यक्ष हैं। उन्हें संगठन कार्य में दक्ष माना जाता है। प्रधानमंत्री के लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के संगठनात्मक दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन करने का तो उन्हें इनाम मिला ही है, उनके मनोनयन की सिफारिश कर पार्टी ने बढ़ई समाज को भी सकारात्मक संदेश दिया है।
कासगंज के रजनीकांत माहेश्वरी (Rajnikant Maheshwari of Kasganj)
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के सियासी पैंतरों से निपटने के लिए भाजपा ने रामसूरत को यह ओहदा देकर राजभर समुदाय को तवज्जो दी है। हंसराज विश्वकर्मा और रामसूरत राजभर भाजपा की राजनीति में अहम किरदार निभाने वाले पिछड़ा वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं। वहीं वैश्य समाज से ताल्लुक रखने वाले रजनीकांत माहेश्वरी को उच्च सदन भेजकर पार्टी ने अपने पुराने कार्यकर्ता को सम्मानपूर्वक समायोजित किया है। माहेश्वरी ने छह साल भाजपा के ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष की भूमिका निभाई और हाल ही में हुए सांगठिनक फेरबदल में उन्हें इस दायित्व से मुक्त कर दिया गया था।
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