मीट प्लांट में एनिमल वेस्ट भरे एक टैंक की सफाई के लिए उतरे 4 फैक्ट्री कर्मियों की जहरीली गैस चढ़ने से मौत
Workers Died due to inhaling Poisonous Gas
डेराबस्सी। Workers Died due to inhaling Poisonous Gas: नजदीकी गांव बेहड़ा स्थित फेडरल एग्रो इंडस्ट्रीज (Federal Agro Industries) नामक मीट प्लांट में एनिमल वेस्ट भरे एक टैंक की सफाई के लिए उतरे 4 फैक्ट्री कर्मियों की जहरीली गैस (poisonous gas) चढ़ने से मौत हो गई। हालांकि गड्ढे में दो और वर्कर भी उतरे थे परंतु उन्हें रेस्क्यू कर लिया गया। मृतकों में तीन हेल्पर व उन्हें बचाने आया एक प्लंबर शामिल है। टैंक में जानवरों की खालों के अलावा चर्बी स्टोर थी। हालांकि फैक्ट्री प्रबंधकों ने चर्बी स्टोर होने की बात से इनकार किया है।
जानकारी मुताबिक हादसा शाम करीब 4:30 बजे हुआ। फैक्ट्री में 12 फुट गहरा 1 मीटर चौड़ा और 2 मीटर लंबा एक अंडरग्राउंड टैंक है जिसमें प्रबंधकों के अनुसार मरे हुए जानवरों की खालें नमक के साथ पानी मिलाकर स्टोर की जाती हैं। इस टैंक की सफाई का ठेका यामू उर्फ ज्ञान बहादुर को दिया गया था। ज्ञान बहादुर के अनुसार इस टैंक को करीब 6 महीने बाद पहली बार सफाई के लिए खोला गया था। इसमें सबसे पहले 35 वर्षीय कुर्बान उतरा और कुछ देर में ही बेहोश हो गया। उसे उसके बाद 32 वर्षीय जनक थापा भी उतरा जो कि बेहोश हो गया। दोनों को बेहोश देखकर 27 वर्षीय श्रीधर पांडे पुत्र तेग बहादुर पांडे वासी नेपाल भी उतरा लेकिन वह भी बेहोश हो गया। अंदर से बचाओ बचाओ के शोर के दौरान एक प्लंबर 28 वर्षीय माणक पुत्र नानक सिंह वासी बेहड़ा भी उतरा परंतु वह भी दम घोंटू गैस में बेहोश हो गया। इस भगदड़ में ठेकेदार ज्ञान बहादुर और बिजली कर्मी कुलदीप भी वर्कर्स की जान बचाने टैंक में उतरने लगे परंतु समय रहते उन्हें बाकी लोगों द्वारा सेफ्टी बेल्ट का इस्तेमाल कर ऊपर खींच लिया गया। जब तक बाकी चारों को ऊपर खींचा गया, सभी चार दम तोड़ चुके थे। उन्हें डेराबस्सी के सिविल अस्पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित किया। ठेकेदार के अनुसार टैंक में एनिमल वेस्ट के तौर पर जानवरों की चर्बी और खालें मौजूद थीं और 6 महीने में उसने पहली बार टैंक खोलकर सफाई का काम छेड़ा था।
इस बारे मीट प्लांट के प्रबंधक शाहिद ने बताया कि अंडरग्राउंड टैंक को जानवरों की खालें ही स्टोर थी, कोई चर्बी नहीं। टैंक में पानी और नमक भी होता है। इसी की सफाई के लिए आज काम हो रहा था। इस टैंक में भरा पानी बाहर पंप आउट किया जा चुका था जबकि नीचे सॉलिड वेस्ट के तौर पर नमक वगैरह ही मौजूद था। तीस साल से कंपनी चल रही है परंतु ऐसा पहली बार शायद गर्मी से हुआ है। दूसरी तरफ, माना जा रहा है कि टैंक ज्यादा देर तक बंद रहने से और गर्मी पड़ने से उसमें जहरीली गैस बन गई जिसमें 4 वर्कर को अपनी चपेट में ले लिया।
डेराबस्सी थाना प्रभारी समेत काफी तादाद में पुलिसकर्मी डेराबस्सी सिविल अस्पताल पहुंचे जहां मृतक के परिजनों के विलाप के कारण माहौल शोकपूर्ण बना हुआ था। कुछ एक लोगों के बयान लेने के बाद पुलिसकर्मी घटनास्थल पर फैक्ट्री का दौरा करने चले गए। अस्पताल की मोर्चरी भी लाशों के कारण कम पड़ गई। मृतकों के शवों से भी गैस की काफी दुर्गंध आ रही थी जिसे देखते हुए चारों के शवों पर पहले पॉलिथीन का कवर चढ़ाया गया।
यह पढ़ें: