37 years of Arthprakash

Editorial: अर्थप्रकाश के 37 वर्ष : निष्पक्षता, निर्भिकता की पत्रकारिता को सलाम

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37 years of Arthprakash: Salute to the journalism of fairness, fearlessness

खींचो न कमानों को न तलवार निकालो
जब तोप मुकाबिल हो तो अख़बार निकालो
                      -अकबर इलाहाबादी


नि:संदेह आज के समय में न तलवार की जरूरत है और न ही तोप की। वक्त और हालात का मुकाबला करने के लिए पत्रकारिता के रूप में ऐसा हथियार उपलब्ध है, जोकि पाठकों को जहां सही का ज्ञान कराता है, वहीं सत्ता में बैठे लोगों को उनके कर्तव्य की सीख देता है। अमर स्वतंत्रता सेनानी, हरियाणा के गांधी कहे जाने वाले पूर्व मंत्री दिवंगत बाबू मूलचंद जैन के परिवार के मन में भी कुछ ऐसे ही विचार उमड़ रहे थे, जब उन्होंने एक अखबार के जरिये अपने विचारों और सोच को सामने लाने पर काम शुरू किया। यह साल 1986 में 16 अप्रैल की तारीख थी। इस दिन नई सोच और बुलंद इरादे के साथ चंडीगढ़ में अर्थप्रकाश नाम से एक साप्ताहिक समाचार पत्र की शुरुआत की गई।

 यह अपने आप में बेहद साहसिक कदम था और इस अखबार के माध्यम से पाठक को उन सूचनाओं, खबरों और विचार प्रधान सामग्री से अवगत करवाना था, जिसकी लोकतंत्र में महती आवश्यकता होती है। आज जब अर्थप्रकाश समाचार पत्र अपनी स्थापना के 37 साल पूरे कर रहा है, तब यह न केवल इसे संस्थापकों अपितु इसके पाठकों, कर्मचारियों और समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए गौरवमयी क्षण हैं। कहते हैं, चाहे वह इंसान हो या फिर कोई संस्थान, उसकी यात्रा की सफलता उसकी निरंतरता में है, जिसके जरिये वह समाज को न केवल सोच और विचार की सामग्री प्रदान करता है, अपितु बतौर संस्थान रोजगार उपलब्ध कराते हुए राज्य व देश की तरक्की में योगदान देता है।

  अर्थप्रकाश की 37 वर्षों की यह यात्रा सभी के लिए प्रेरणास्पद है। स्वतंत्र, निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकारिता के पर्याय बने अर्थप्रकाश ने बीते वर्षों के दौरान सांध्य से होते हुए मॉर्निंग डेली तक का अपना सफर जारी रखा है। इस दौरान परंपरागत छपाई मशीन से लेकर आज मॉर्डन प्रिंटिंग मशीनों पर छपाई तक का दौर अखबार ने देखा है। समय के साथ आगे बढ़ते हुए अखबार ने डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी पर्दापण किया है। इस दौरान चंडीगढ़, हरियाणा, पंजाब व हिमाचल के साथ-साथ उत्तराखंड में भी बड़ी संख्या में पाठकों का सहयोग अर्थप्रकाश को हासिल हुआ। अपने प्रबुद्ध एवं जागरूक पाठकों की विशेष मांग पर करीब 6 साल पहले संस्थान ने डिजिटल एडिशन भी शुरू किया जिसमें आसपास होने वाली घटनाओं के साथ-साथ देशभर की गतिविधियों को भी कवर किया जाता है और उन खबरों को पूरी सटीकता व विश्वसनीयता के साथ जल्द से जल्द पाठकों तक पहुंचाया जाता है।

अर्थप्रकाश समाचार पत्र ने समय के साथ चलते हुए अपने पाठकों की फीडबैक व वक्त की जरूरत के अनुसार बदलाव किए हैं। पाठकों की रुचि के अनुसार हर तरह के समाचारों के लिए अलग-अलग वर्ग बनाए गए हैं। अपने डिजिटल एडिशन के जरिये अर्थप्रकाश पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, चंडीगढ़, उत्तराखंड की छोटी से छोटी खबर भी तुरंत ब्रेकिंग न्यूज में चलाकर रीडर्स को पल-पल की जानकारी से अवगत कराने में सफल हो रहा है, इससे देश के ही नहीं, बाहरी देशों में रहने वाले इस क्षेत्र के रीडर्स भी अपने क्षेत्र में घटने वाली हर घटना से अपडेट रहते हैं।

 अर्थप्रकाश समाचार पत्र शुरू से ही ट्राईसिटी में पत्रकारिता के छात्रों और पत्रकारिता के पेशे में आने के इच्छुक युवाओं के लिए प्रशिक्षण स्थली भी रहा है। पत्रकारिता का क,ख सीखने के लिए इस संस्थान में तमाम ऐसे युवा आते रहे हैं, जोकि बाद में देश के प्रमुख समाचार पत्रों में उच्च पदों तक पहुंचे हैं। संस्थान में पत्रकारिता सीखने आए युवाओं को यहां खबरों के लेखन, उनके संपादन के अलावा प्रकाशन के संबंध में जानकारी मिलती रही है। संस्थान में इन युवाओं ने निष्पक्ष पत्रकारिता और तथ्यों को उजागर करने वाली शिक्षा हासिल की, जोकि अखबार की पाठकों के प्रति एक विनम्र भेंट है। जाहिर है, अगर शिक्षार्थियों को इसकी सीख शुरुआत से मिलेगी कि पत्रकारिता के मूल्यों की रक्षा करना उनका परम धर्म है तो यह रवायत हमेशा उनके जेहन में रहेगी।

अर्थप्रकाश समाचार पत्र समूह पत्रकारिता के प्रति अपने सिद्धांतों, मानवीय मूल्यों, समाज की बेहतरी के लिए कार्य करने और लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने के अपने धर्म का निर्वाह कर रहा है। समूह की संचेतना इसे और आगे ले जाते हुए पाठकों की सही, तथ्यपरक और सार्थक सोच को विकसित करना है, जिससे वैचारिक स्वतंत्रता एवं अभिव्यक्ति की आजादी कायम हो। इस पावन अवसर पर अर्थप्रकाश अपने सभी पाठकों को सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए इस सफर में साथ बनाए रखने की अपील करता है। वहीं यह विश्वास भी दिलाता है कि बीते वर्षों की भांति अर्थप्रकाश परिवार अपनी निष्पक्षता एवं निर्भिकता को बनाए रखते हुए हमेशा लोकतंत्र एवं वैचारिक आजादी के लिए आवाज बुलंद करता रहेगा।
                                                 -सादर धन्यवाद 

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