लखनऊ जिला जेल से आई बड़ी खबर, 36 कैदी एचआईवी पॉजिटिव

लखनऊ जिला जेल से आई बड़ी खबर, 36 कैदी एचआईवी पॉजिटिव

36 Prisoners found HIV Positive

36 Prisoners found HIV Positive

लखनऊ: 36 Prisoners found HIV Positive: गोसाईगंज जिला कारागार में 36 बंदी एचआइवी संक्रमित मिले हैं। इसमें जेल प्रशासन की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। तीन महीने से एचआइवी जांच किट खत्म है। जेल प्रशासन की ओर से नए आने वाले बंदियों की एचआइवी जांच ही नहीं कराई गई। दिसंबर 2023 में मेडिकल कैंप लगाकर एचआइवी जांच में कुल 36 बंदी एचआइवी संक्रमित मिले हैं।

जेल के डा. निर्दोश कुमार वर्मा ने बताया कि किट खत्म होने की जानकारी अधिकारियों को फोन कर दी गई थी। इस संबंध में कोई पत्राचार नहीं किया, क्योंकि आमतौर पर किट जेल प्रशासन को आसानी से मिल जाती थी। जेल अधीक्षक आशीष तिवारी ने बताया कि 31 अगस्त से दो दिसंबर 2023 तक एचआइवी जांच करने वाली किट उपलब्ध नहीं थी।

बंदियों का चल रहा उपचार

इस दौरान नए बंदियों की एचआइवी जांच भी नहीं हुई थी। इसी अवधि में जेल आए बंदियों में से 36 संक्रमित पाए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा इंजेक्शन से नशा लेते थे। संक्रमित बंदियों का उपचार चल रहा है। चार हजार से ज्यादा बंदी स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी जेलों में स्वास्थ्य शिविर लगाए गए थे।

दो दिसंबर को बंदियों की एचआइवी जांच के लिए सात दिवसीय मेडिकल शिविर लगा था। इस कैंप में जांच के दौरान 36 बंदियों के संक्रमित होने की बात उजागर हुई है। बीते वर्ष फरवरी व मार्च में एक भी बंदी संक्रमित नहीं मिला था। अप्रैल में तीन बंदी संक्रमित मिले थे। नए वर्ष में कई बंदियों के सैंपल भेजे जा चुके हैं। अभी अन्य बंदियों के संक्रमित मिलने की आशंका जताई जा रही है।

यह एचआइवी जांच की प्रक्रिया जेल में नए आने वाले हर बंदी की हेपेटाइटिस व एचआइवी प्रारंभिक जांच होती है। एक शुरुआती किट से एचआइवी की जांच में संक्रमित मिलने पर उसकी पुष्टि के लिए रिपोर्ट मोहनलालगंज के सीएससी केंद्र भेजी जाती है।

वहां की टीम बंदी की जांच कर पुष्टि करती है तो उसकी रिपोर्ट एआरटी सेंटर, केजीएमयू लखनऊ भेजी जाती है।   वहां प्रारंभिक जांच के बाद उपचार शुरू हो जाता है। एचआइवी संक्रमित बंदी की ग्रीन बुक बनाकर जेल प्रशासन को भेजी जाती है।

संक्रमित बंदियों के आहार बढ़ाएं, काउंसिलिंग भी शुरू

जांच टीम के निर्देशानुसार संक्रमित बंदियों के आहार में बदलाव करने साथ बढ़ाया भी गया है। उन्हें डाक्टर की निगरानी में रखा गया है। सभी का केजीएमयू के एंटी रेट्रोवायरल थेरेपिया (एआरटी) में इलाज चल रहा है। जेल प्रशासन की ओर से संक्रमित बंदियों की काउंसिलिंग भी शुरू कर दी।

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