शोर-शराबे के साथ नगर निगम के 28 प्रस्तावों पर लगी सदन सदन की मुहर
- By Vinod --
- Tuesday, 25 Mar, 2025

28 proposals of the Municipal Corporation were approved by the House amidst uproar
28 proposals of the Municipal Corporation were approved by the House amidst uproar- चंडीगढ़। नगर निगम चंडीगढ़ की मंगलवार को आयोजित 347वीं मासिक बैठक की शुरुआत ही शोरशराब के साथ हुई। जैसा कि पता था कि फंड की परेशानी से नगर निगम के विकास कार्य ठप्प पड़े हैं। इसके बावजूद इतना भारी भरकम प्रस्तावों को लेकर आना व चर्चा के बाद पारित कराने का क्या तात्पर्य है, इस प्रकार के सवालों की बौछार विपक्ष की तरफ से की गई। कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के पार्षदों के आरोप थे कि पूर्व के पारित प्रस्तावों पर अभी तक अमली जामा नहीं पहनाया जा सका। इसलिए आज इतने भारी भरकम प्रस्तावों की लाने का मतलब ही बेतुका है।
मेयर बार-बार उन्हें समझाने का प्रयास करती रहीं, कि पार्षद चुप होने का नाम ही नहीं ले रहे थे। बता दें कि पहले 14 प्रस्तावों की सूचना थी। किंतु बाद में अनुपूरक प्रस्ताव आ जाने से उनकी संख्या बढक़र 34 पहुंच गई। इसी बात को लेकर विपक्ष ने सवाल दागने शुरू कर दिये। फिर मेयर ने माहौल को शांत करने का प्रयास किया। इसके तुरंत बाद सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह बंटी ने फिर मेयर को कठघरे में लाने का प्रयास करते हुए कहा कि आपने सभी पार्षदों को साथ लेकर पंजाब के राज्यपाल एवं नगर प्रशासक गुलाबचंद कटारिया के साथ विशेष मीटिंग की, और अतिरिक्त ग्रांट की मांग रखी। किंतु उन्होंने तो आपको खाली हाथ लौटा दिया।
जवाब में मेयर ने बंटी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या गवर्नर पैसों का बैग लेकर बैठे थे कि आपको तुरंत हैंड ओवर कर दें। फिर सदन में हंसी के ठहाके शुरू हो गये। बाद में धीरे-धीरे गाड़ी पटरी पर आनी शुरू हुई। इस दौरान कुछ आंशिक संशोधनों के साथ अधिकांश प्रस्तावों पर सदन की मुहर लग गई। वी-3 रोड की रीकार्पेटिंग और मरम्मत कार्यों को प्रस्ताव पर फिर बहस शुरू हो गर्ई। विपक्ष का आरोप था कि हमारे पास वेतन देने और अन्य रोजमर्रा के कार्यों के लिए पैसे नहीं हैं। किंतु 30-40 करोड़ खर्च करके वी-3 रोड (गर्वनर हाउस से लेकर एयरपोर्ट तक) को ठीक कराकर वीवीआईपी मेहमानों की सुविधा देने का कार्य नहीं करने जा रहे हैं।
कमिश्नर की आपत्ति
सत्ता पक्ष के लोग और मेयर ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि रोड पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए होती है, न कि सिर्फ वीवीआई मेहमानों के लिए वह तो भी कभार ही आते हैं, किंतु अन्य जनता को नित्य प्रति उन सडक़ों का प्रयोग करती है। काफी शोर-शराबे के बाद इस प्रस्ताव को रद्द तो नहीं किया गया किंतु उसे स्थगित कर दिया गया। इस पर कमिश्नर ने आपत्ति करते हुए अपना ‘डी साइटिंग नोट’ लिखने का आदेश दिया। माहौल को शांत करने के लिए 20 मिनट के लिए सदन की कार्रवाई बीच में रोकनी पड़ी फिर उसी मुद्दे पर विपक्ष की प्रेमलता, गुरप्रीत ङ्क्षसह गाबी और कुछ अन्य पार्षदों ने कड़ी आपत्ति की। फिर कमिश्नर ने आपत्ति नोट लिख दिया। उनका कहना था कि पैसा खर्च करके बाद में उन्हें ग्रांट भी मिल जाने की संभावना है। किंतु सदन में शोर शराबे का माहौल थमने का नाम नहीं ले रहा था। सत्तापक्ष के राजिन्दर शर्मा, कनवरजीत राणा, अनूप गुप्ता और सौरभ जोशी ने मेयर की बात का समर्थन किया।
रोज फेस्टिवल समारोह की सराहना
कमिश्नर द्वारा लाये गये 63वें रोज फेस्टिवल 2025 के दौरान किये खर्च के लिए पूर्व व्यापी स्वीकृति के संबंध में लाये प्रस्ताव की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। उनका कहना था कि इस प्रकार का कार्य खासकर रोज फेस्टिवल में जो इस बार हुआ कि सभी-समारोह बड़ी शान-ओ-शौकत के साथ सम्पन्न हुए और सब खर्च निकालकर 12 लाख रुपये की बचत भी हुई। इस पर निगम कमिश्नर उनके सहयोगी अधिकारियों और कमिश्नर को बधाईयां दी गईं। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार के आयोजन की शुरुआत सेक्टर 33 स्थित टेरिस्ड गार्डन में गुलदाउदी शो के साथ ही हो चुकी थी। उम्मीद की जानी चाहिए कि निकट भविष्य में नगर निगम से संबंधित ऐसे कार्यक्रमों को भी नो-प्रोफिट नो लॉस के आधार पर किया जाये।
सीवर का मामला
बीच में गुरप्रीत गाबी ने कहा कि सेक्टर 40 और 46 की सीवर लाइनें तोड़ी गई हैं। इससे पूरा इलाका परेशान है। काम किसी और पार्टी ने किया, किंतु खर्चा नगर निगम के खाते में जायेगा, ऐसा क्यों। इस पर चीफ इंजीनियर ने कहा कि जिस कंपनी की तरफ से तोड़-फोड़ हुई है, उसे वहीं कंपनी ठीक करायेगी, अन्य पर भारी पेनेल्टी लगेगी।
वी-3 रोड पर तरुणा मेहता की आपत्ति
वी-3 रोड के प्रस्ताव पर डिप्टी मेयर तरुणा मेहता ने भी आपत्तिदर्ज करायी। उनका कहना था कि इससे निगम की माली हालत और भी खराब होगी। जवाब में कमिश्नर नेक हा कि सरकारी खर्चों में कटौती या कमी करने की प्रक्रिया पर विचार चल रहा है, इस पर सभी का सहयोग चाहिए।
प्रशासन से आरएलए भी नहीं मिला
बंटी ने कहा कि हमने प्रशासक से अतिरिक्त राजस्व अर्जित करने के लिए आरएलए एमसी को देने का आग्रह किया था, किंतु वह अभी तक नहीं मिला। इसके अलावा सडक़ों की मरम्मत का काम उन्हें (प्रशासन) को सौंपने का कहा था, वह भी नहीं हुआ। आखिर नगर निगम की गाड़ी पटरी पर किस प्रकार लौट पायेगी। जवाब में कमिश्नर और मेयर ने कहा कि प्रतीक्षा करें, नगर निगम को अतिरिक्त ग्रांट अवश्य मिलेगी। भारत सरकार राइट आफ वे रूल्स 2024 को अडाप्ट करने के प्रस्ताव पर भी कुछ संशोधनों के साथ सदन की मुहर लग गई। डंपिंग ग्राउंड को मेंटेन करने के लिए दो जेसीबी और 3 टिप्पर किराये पर लेने, नगर निगम के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत साइनबोर्ड/ब्रांड नेम लगाने के साथ-साथ राउंड अबाउट के रखरखाव और सौंदर्यकरण के लिए, जैम पोर्टल के माध्यम से इलेक्ट्रिक डिवीजन, नगर निगम के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आउट सोर्स आधार पर आवश्यक पदों की स्वीकृति, जेम पोर्टल के माध्यम से हार्टिकल्चर विंग-१, नगर निगम के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आउटसोर्स आधार पर आवश्यक पदों की स्वीकृति, जेम पोर्टल के माध्यम से बागवानी प्रभाव-2, के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आउटसोर्स आधार पर आवश्यक पदों के संशोधित अनुमोदन, रोड डिवीजन नं. १ एमसी में आउट सोर्स स्टाफ की स्वीकृति पर भी मुहर लग गई। इसी प्रकार रोड डिवीजन नं. 2, एमसी चंडीगढ़ में आउट सोर्स स्टाफ की मंंजूरी, नगर निगम चंडीगढ़ के रोड डिवीजन 3 में आउट सोर्स स्टाफ की मंजूरी का प्रस्ताव भी पारित कर दिया गया। इसके अलावा फंड क्रंच के चलते नगर निगम (बी एंड आर) विंग के अधिकार क्षेत्र के तहत वी-3 सडक़ों को चंडीगढ़ प्रशासन को सौंपने का प्रस्ताव भी पारित हो गया।