2024 तक बनेंगे 26 ग्रीन एक्सप्रेस-वे : गडकरी
- By Habib --
- Friday, 05 Aug, 2022
26 green expressways to be built by 2024: Gadkari
नई दिल्ली। 2024 खत्म होने से पहले देश में 26 ग्रीन एक्सप्रेस हाईवे बनाए जाएंगे। इन पर 125-130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सफर पूरा होगा। सडक़ एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने संसद में यह बात कही। उन्होंने दावा किया कि 2024 खत्म होने से पहले तक देश का रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर अमेरिका की टक्कर का होगा।
नितिन गडकरी ने कहा, ‘इस समय नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (हृ॥्रढ्ढ) की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत है। मैं सदन में ऑन-रिकॉर्ड यह बात कह रहा हूं कि मैं हर साल 5 लाख करोड़ रुपए की सडक़ बना सकता हूं। हमारे पास पैसे की कमी नहीं है। संसद में किसी भी पार्टी के सांसद से पूछिए, जिसने भी मुझसे सडक़ बनवाने के लिए पैसा मांगा है, मैंने उसे पैसा सैंक्शन किया है। मैंने किसी पार्टी के सांसद को मना नहीं किया।’
उन्होंने कहा, ‘एनएचएआई को एएए रेटिंग मिली हुई है। हाल ही में दो बैंकों के चेयरमैन मेरे पास आए और उन दोनों ने मुझे 25-25 हजार करोड़ रुपए लोन देने का प्रस्ताव रखा। मुझे सिर्फ 6.45 प्रतिशत की ब्याज दर पर यह पैसा मिला है। इसलिए एनएचएआई के पास सडक़ें बनवाने के लिए भरपूर पैसा है।’
बदलेंगी वाहनों की नंबर-प्लेट
गडकरी ने कहा कि फिलहाल टोल कलेक्ट करने के लिए हमारे पास एक सिस्टम मौजूद है, लेकिन हम दो विकल्पों पर काम कर रहे हैं। पहला है सैटलाइट आधारित टोल-सिस्टम जिसमें कार में जीपीएस लगा होगा और उसमें से खुद ही टोल कट जाएगा।
दूसरा सिस्टम है- नंबर प्लेट में बदलाव करना। 2019 से ही हमने नए तरीके की नंबर प्लेट बनाने की तकनीक पर काम करना शुरू कर दिया है। अब मैन्युफैक्चरर के लिए यह नंबर-प्लेट लगाना अनिवार्य होगा। पुरानी नंबर-प्लेट्स को नई नंबर प्लेट्स से बदला जाएगा। नई नंबर-प्लेट से एक सॉफ्टवेयर जुड़ा होगा, जिससे टोल कट जाया करेगा।
50 हजार किमी लंबे हाईवे नेटवर्क को मेनटेन करती है एनएचएआई
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया भारत सरकार की एक स्वायत्त संस्था है। इसे 1955 में स्थापित किया गया था। यह देश के 1,32,499 किमी लंबे नेशनल हाईवे में से 50 हजार किमी के नेटवर्क के मैनेजमेंट का काम देखती है।
एनएचएआई का काम है अम्ब्रेला हाईवे योजना, भारतमाला योजना के लिए फंड देना। इसका उद्देश्य एनएच लिंकेज वाले जिलों की संख्या को 300 से बढ़ाकर 550 करना है। इसके अलावा सडक़ के किनारे रेस्टरूम, फूड प्लाजा और मेडिकल सुविधाओं की व्यवस्था करना और पौधरोपण करना भी इसी संस्था की जिम्मेदारी है।