23 thousand metric ton stock of DAP in Haryana

हरियाणा में डीएपी का 23 हजार मीट्रिक टन स्टॉक: नायब सैनी

23 thousand metric ton stock of DAP in Haryana

23 thousand metric ton stock of DAP in Haryana

23 thousand metric ton stock of DAP in Haryana- चंडीगढ़। हरियाणा में डीएपी को लेकर चल रही मारामारी के बीच मुख्यमंत्री नायब सैनी ने शनिवार को प्रदेश की वास्तविक स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद हरियाणा के किसानों के नाम जारी संदेश में उन्होंने किसानों से अनुरोध किया है कि वे किसी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें। सरकार प्रदेश में डीएपी की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

सीएम ने कहा कि आज के दिन डीएपी का स्टॉक 23,118 मीट्रिक टन विभिन्न जिलों में उपलब्ध है। अगले दो से तीन दिनों के भीतर राज्य के विभिन्न जिलों में 9,172 मीट्रिक टन और डीएपी प्राप्त हो जाएगी। कांग्रेस के नेता किसानों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि हरियाणा में खाद का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है और उसका वितरण भी सही तरीके से सुनिश्चित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष एक अक्टूबर से 9 नवंबर तक डीएपी की खपत एक लाख 46 हजार 152 मीट्रिक टन थी। इस बार 9 नवंबर 2024 तक एक लाख 54 हजार 540 मीट्रिक टन की खपत हो चुकी है। भारत सरकार ने हरियाणा को नवंबर माह के लिए एक लाख 10 हजार 200 मीट्रिक टन डीएपी आवंटित किया है। इसके अलावा, राज्य में सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) का 71 हजार 281 मीट्रिक टन और एनपीके का 24,343 मीट्रिक टन का स्टॉक अब भी उपलब्ध है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य सरकार ने आढ़तियों के हितों के लिए काम किया है। हमारी सरकार ने आढ़तिया कमीशन 46 रुपये प्रति क्विंटल को बढ़ाकर 55 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। नौ रुपये प्रति क्विंटल का अतिरिक्त भार राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। प्रदेश में सी.एम.आर. डिलीवरी के लिए सभी राईस मिलर्स को 31 अगस्त, 2024 तक 62.58 करोड़ रुपये बोनस दिया है। इसके अलावा, हाइब्रिड किस्म के धान के आउट टर्न रेश्यो का मामला भी भारत सरकार के समक्ष रखा गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस खरीफ सीजन 2024-25 के दौरान धान के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर 4,84,927 किसान पंजीकृत हैं। अब तक राज्य में 50,46,872.45 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है, जिसकी एवज में किसानों को 11,296 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का भुगतान किया गया है।