820 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में 2 इंजीनियर निकले मास्टरमाइंड, सीबीआई ने दर्ज किया केस
UCO Bank Fraud Case
नई दिल्ली। UCO Bank Fraud Case: अपनी तरह की एक अजीब बैंकिंग घटना में यूको बैंक के ग्राहकों से जुड़े 41 हजार से अधिक खातों में बीते माह अचानक लगभग 820 करोड़ रुपये जमा हो गए। हैरानी की बात यह है कि जिन खातों से ये धनराशि आई, उनसे कोई रकम डेबिट ही नहीं हुई।
यूको बैंक के कुछ खाताधारकों ने अचानक आए इस धन की निकासी भी कर ली। ये धनराशि सात निजी बैंकों के 14 हजार खातों से तत्काल भुगतान सेवा (आइएमपीएस) लेनदेन के माध्यम से ट्रांसफर हुई थी। अब सीबीआइ मामले की जांच कर रही है और इस क्रम में देश में 13 जगहों पर छापे मारे हैं।
यूको बैंक की शिकायत पर कार्रवाई
यूको बैंक की ‘संदिग्ध’ आइएमपीएस लेनदेन की शिकायत पर बैंक में काम करने वाले दो इंजीनियरों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के बाद छापेमारी की कार्रवाई की गई है। जिन शहरों में छापेमारी की गई है, उनमें कोलकाता और मंगलुरु भी शामिल हैं। छापेमारी मंगलवार को जारी थी। सीबीआइ के प्रवक्ता ने कहा कि तलाशी के दौरान मोबाइल फोन, लैपटाप, कंप्यूटर सिस्टम, ईमेल आर्काइव और डेबिट व क्रेडिट कार्ड सहित इलेक्ट्रानिक साक्ष्य बरामद किए गए। अधिकारी ने कहा कि यूको बैंक के ग्राहकों को 10 से 13 नवंबर के दौरान उनके खातों में आइएमपीएस लेनदेन के जरिये अलग-अलग रकम प्राप्त हुई। ये लेनदेन लगभग 820 करोड़ रुपये के थे।
गलती से खातों में पहुंची राशि
सीबीआइ प्रवक्ता ने कहा कि आरोप के अनुसार धनराशि स्थानांतरण के इस जटिल नेटवर्क में 8.53 लाख से अधिक लेन-देन शामिल हैं और मूल बैंकों द्वारा लेनदेन को विफल दर्ज करने के बावजूद ये राशि गलती से यूको बैंक से जुड़े ग्राहकों के खातों में डाल दी गई। प्रवक्ता के अनुसार आरोप में बैंक ने यह भी कहा है कि कई खाताधारकों ने इस स्थिति का लाभ उठाकर विभिन्न बैंकिंग माध्यमों से अवैधानिर रूप से यह राशि अपने खातों से निकाल भी ली।
यह होता है आइएमपीएस लेनदेन
आइएमपीएस यानी इमीडिएट पेमेंट सर्विस में लोगों को इंटरनेट और फोन बैंकिंग के माध्यम से तुरंत धन भेजने और प्राप्त करने की सुविधा बैंक उपलब्ध कराते हैं।
यह पढ़ें: