16 Thousand Square Meters of Land Found Vacant in Vaishali Scheme, GDA Plans New Housing Project

वैशाली योजना में 16 हजार वर्ग मीटर जमीन मिली खाली, जीडीए नई योजना लाने की तैयारी में!

16 Thousand Square Meters of Land Found Vacant in Vaishali Scheme, GDA Plans New Housing Project

16 Thousand Square Meters of Land Found Vacant in Vaishali Scheme, GDA Plans New Housing Project

गाजियाबाद, 27 जनवरी: GDA Plans New Project in Vaishali: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) को वैशाली योजना में सर्वे के दौरान करीब 16 हजार वर्ग मीटर जमीन खाली मिली है। इसमें से 5,200 वर्ग मीटर जमीन सेक्टर तीन में स्थित है। अब जीडीए इस खाली भूमि पर छोटे भूखंडों की नई योजना लाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए इस भूमि का लेआउट तैयार कराया जा रहा है।

वैशाली योजना की शुरुआत और विस्तार

साल 1989 में जीडीए ने दिल्ली और नोएडा के पास वैशाली योजना को लॉन्च किया था। यह योजना 1,234 एकड़ जमीन पर तैयार की गई थी। इसमें छोटे और बड़े भूखंडों के साथ बहुमंजिला सोसाइटी और ग्रुप हाउसिंग भूखंड भी विकसित किए गए थे। 2000 के बाद यहां कई ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी तैयार हुईं, जिससे दिल्ली और नोएडा के करीब होने के कारण लोगों का ध्यान यहां फ्लैट और भूखंड खरीदने की ओर आकर्षित हुआ।

सर्वे के दौरान मिली खाली जमीन

पिछले दिनों जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स की अध्यक्षता में योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। इस दौरान वैशाली योजना का लैंड ऑडिट कराने का फैसला लिया गया। इसके तहत किए गए सर्वे में 16 हजार वर्ग मीटर जमीन रिक्त पाई गई। सेक्टर तीन में 5,200 वर्ग मीटर जमीन मिली है, जिस पर भूखंड विकसित करने की योजना है।

नई योजना की तैयारी

जीडीए अब इस खाली जमीन का लेआउट तैयार करने में जुटा हुआ है। अधिकारियों के अनुसार, 5,200 वर्ग मीटर जमीन का लेआउट लगभग तैयार हो चुका है। इसमें 300 वर्ग मीटर से बड़े 16 भूखंड विकसित किए जाएंगे। हालांकि, अभी इस लेआउट को अंतिम रूप नहीं दिया गया है।

जीडीए उपाध्यक्ष का बयान

जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने कहा, “वैशाली योजना में सर्वे के दौरान कई जगह जमीन खाली मिली है। अब इस जमीन का बेहतर उपयोग करने के लिए योजना बनाई जा रही है। रिक्त जमीन का लेआउट तैयार कराया जा रहा है ताकि इस पर भूखंड निकाले जा सकें।”

जीडीए का यह कदम क्षेत्र में आवासीय योजनाओं को नई दिशा देने और भूमि का सही उपयोग सुनिश्चित करने की ओर एक बड़ा कदम माना जा रहा है।