चैरिटेबल ग्रुप द्वारा आयोजित किया गया 158 वां गऊ वंशज सेवा कार्य
158th Gau Descendant Service Work
दानी सज्जनों के सहयोग से गऊशाला पहुँचाया 2 हजार किलो चारा
यमुनानगर, 2 सितम्बर (डा. आर. के. जैन): 158th Gau Descendant Service Work: अम्बाला रोड स्थित गऊशाला के प्रांगण में चैरिटेबल ग्रुप के सौजन्य से गऊ वंशज सेवा कार्य में 158 वां कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें दक्ष गुप्ता व पारस परिवार के सौजन्य से गऊशाला में चारा व अन्य खाद्य सामग्री पहुँचाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता पंकज वर्मा ने की तथा संचालन जितेन्द्र सोई ने किया। रवि कुमार ने बताया कि मूक प्राणीयों की सेवा को सबसे बड़ी सेवा कहा जाता है, और यह भी माना जाता है कि इन बेजुबानों की सेवा करने से सभी प्रकार के कष्ठ व पीड़ा दूर होती है, क्योंकि मनुष्य अपने दुख-दर्द व जरुरतें कह कर व बता कर पूरी करा लेता है किन्तु बेजुबान पशु अपनी तकलीफ किसी को नहीं बता पाते है। ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता है कि हम अधिक से अधिक सेवा कार्य कर इन प्राणियों की पीड़ा को कम करने का प्रयास करे। धु्रव अरोड़ा ने कहा कि चैरेटेबल ग्रुप के द्वारा गऊ वंशजों की सेवा कार्य निरंतर जारी है, इसी श्रंखला में 158 वां मूकप्राणी सेवा कार्यक्रम का आयोजन दक्ष गुप्ता व पारस परिवार के सहयोग से अम्बाला रोड स्थित गऊशाला प्रांगण में किया गया, जिसमें ग्रुप के सेवा दारों ने गऊ वंशजों की सेवा की और पुण्य कमाया। कार्यक्रम में दानी परिवार द्वारा पशुओं के लिये 2 हजार किलो चारे, 20 दर्जन केले, नमक व गुड़ की सेवा की गई। अंकुर जैन ने बताया कि पशु-पक्षी प्राकृति का साकार रूप है, इसका अस्तित्व निश्चित रूप से मानवमात्र के लिये शाश्वत, प्रेरत व मंगलमय है, क्यों धर्म के अनुसार मानव मात्र के अतिरिक्त अन्य जीवों पर दया करना भी श्रेष्ठ व आवश्यक कार्य है। गायोंं के लिये चारा लाने के लिये वाहन की सेवा भी निशुल्क प्रदान की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि हम सभी को प्रयास करना चाहिये की अपने व अपने परिवार सदस्यों के जन्म दिवस, शादी की साल गिराह व अन्य अवसरों पर गायों की सेवा के लिये सहयोग देकर पुण्य के भागीदार बने। इस अवसर पर अमन सोई, मुकेश, के. के. जैन, आर्जव जैन, लक्ष्य जैन, पुनीत जैन, अंकुर जैन आदि ग्रुप सदस्यों ने सहयोग दिया।
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