11,000 tree's are going to be sacrificed for the fulfillment of Shimla-Bilaspur Forlane

शिमला-बिलासपुर फोरलेन बनाने के लिए अर्की में काटे जाएंगे 11,000 पेड़ !

11,000 trees to be scarificed for the fulfillment of Shimla-Bilaspur Forlane

11,000 tress are going to be scarificed for the fulfillment of Shimla-Bilaspur Forlane

SHIMLA-BILASPUR FORLANE: शिमला-बिलासपुर फोरलेन को 

तैयार करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और वन विभाग ने गणना करके ये तह किया गया है की फोरलेन को तैयार करने के लिए अर्की क्षेत्र में ही 11,000 पेड़ काटे जाएंगे जिनमे से 3,000 हजार पेड़ फलदार हैं। पेड़ों के कटने के साथ साथ ही फोरलेन निर्माण का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। पेड़ों को काटने के लिए टेंडर अलॉट जल्द ही किया जाएगा। वहीं प्रभावितों को मुआवजा देने की भी तैयारी भी कर ली गई हैं। एक सप्ताह के भीतर प्रभावितों को मुआवजा राशि देने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

इतनी लंबी होगी फोरलेन 

जानकारी के अनुसार फोरलेन करीब 27.500 किलोमीटर लंबी होगा। शालाघाट से नौणी तक यह फोरलेन करीब 27.500 किलोमीटर होगा जिसमें से 18.500 किलोमीटर सोलन, जबकि 9 किलोमीटर का क्षेत्र बिलासपुर जिला में आएगा। शिमला से बिलासपुर 80 किलोमीटर की दूरी पर है, इस फोरलेन के बनने से शिमला से बिलासपुर तक की करीब 25 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी। पहली सुरंग शालाघाट के समीप सरी गांव से रेवटा तक, जबकि दूसरी धुंदन से नलाग तक बनाई जाएगी।

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