हाथरस हादसा: 11 आरोपियों की हुई पेशी, 29 जुलाई लगाई तारीख, मुकदमे में बढ़ाईं तीन धाराएं, 30 आरोपियों की तलाश
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हाथरस हादसा: 11 आरोपियों की हुई पेशी, 29 जुलाई लगाई तारीख, मुकदमे में बढ़ाईं तीन धाराएं, 30 आरोपियों की तलाश

Hathras Stampede Update

Hathras Stampede Update

हाथरस। Hathras Stampede Update: दो जुलाई को सिकंदराराऊ में सूरजपाल (साकार विश्व हरि) के सत्संग के बाद भगदड़ मामले में पुलिस की कार्रवाई आगे बढ़ रही है। मंगलवार को पुलिस ने न्यायालय में सभी आरोपितों को पेश किया। विवेचक द्वारा दिए गए प्रार्थनापत्र के आधार पर आरोपितों के मुकदमे में तीन धाराएं और बढ़ा दी गई हैं।

इस मामले मे अब 29 जुलाई को सुनवाई होगी। सिकंदराराऊ के फुलरई गांव में दो जुलाई को मंगल मिलन सद्भावना समागम आयोजित किया गया था। 150 बीघा खेत में आयोजन किया गया था। सत्संग में लाखों लोग आए थे। इसमें भगदड़ में 121 लोगों की मृत्यु हो गई।

सिकंदराराऊ कोतवाली के अंतर्गत पोरा चौकी प्रभारी ब्रजेश पांडे की ओर से मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर व अन्य के खिलाफ भारतीय न्याय सहिता की धारा 105, 110, 126 (2), 223, 238 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया, जिसमें 80 हजार लोगों की अनुमति लेने और दो लाख से अधिक भीड़ आने, चरण रज लेने व दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ को सेवादारों द्वारा भीड़ रोकने, धक्का-मुक्की करने के चलते हादसा होने व साक्ष्य छिपाने का आरोप था।

पुलिस देवप्रकाश मधुकर समेत कुल 11 सेवादार और आयोजकों को गिरफ्तार कर चुकी है। सभी लोग अलीगढ़ जेल में हैं। मंगलवार दोपहर को सभी आरोपितों को पुलिस ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में पेश किया। विवेचना अधिकारी और सीओ रामप्रवेश राय के न्यायालय में आरोपितों पर धाराएं बढ़ाने के लिए प्रार्थनापत्र दिया। इसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है। सभी आरोपितों पर धारा 132/121 (1) बीएनएस और 7 सीएलए की वृद्धि कर दी गई है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी।

इन लोगों की हुई पेशी

  1. देवप्रकाश मधुकर
  2. उपेंद्र यादव
  3. मेघसिंह
  4. मंजू यादव
  5. मुकेश कुमार
  6. मंजू देवी
  7. राम लड़ैते यादव
  8. रामप्रकाश शाक्य
  9. संजू यादव, गोपालपुर
  10. दुरवेश कुमार
  11. दलवीर पाल

इन धाराओं दर्ज हुआ था मुकदमा

  • धारा 105- गैरइरादतन हत्या - पांच वर्ष से आजीवन कारावास।
  • धारा 110- गैर-इरादतन हत्या का प्रयास- तीन वर्ष से सात वर्ष कारावास।
  • धारा 126(2)- गलत तरीके से रोकने के लिए। एक महीने तक की अवधि के लिए साधारण कारावास या जुर्माना।
  • धारा 223- लोकसेवक द्वारा प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा। - छह माह से एक वर्ष तक की सजा।
  • धारा 238- अपराध के साक्ष्य को गायब करना- 10 वर्ष तक की सजा

यह बढ़ी धाराएं-

  • धारा 121 (1) लोक सेवक के कार्य में वाधा- पांच वर्ष कारावास
  • धारा 132 (1) लोकसेवक काे कार्य से रोकने के लिए अपराधिक बल प्रयोग- दो वर्ष कारावास
  • 7 सीएलए- किसी व्यक्ति के रोजगार या कारोबार पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए परेशान करना।