तकनीकी गड़बड़ी के कारण ITR फाइलिंग में करदाताओं को नहीं मिली छूट
ITR: आयकर विभाग द्वारा 4 जनवरी 2025 को ITR 2 और ITR 3 फॉर्म को हाल ही में अपडेट करने के बावजूद करदाता अभी भी अल्पकालिक पूंजीगत लाभ यानी एसटीसीजी पर धारा 87 ए के तहत कर छूट का दावा करने में असमर्थ हुए। ITR प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर को अपडेट करने में देरी के कारण कई पत्र करदाताओं को अपनी सही छूट का दावा करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, और उन्हें छूट नहीं मिल पा रही है। आपको बता दें की संशोधन या फिर निलंबित रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तिथि 15 जनवरी 2025 है।
क्या है ITR अपडेट और 87ए छूट का मुद्दा
आपको बता दें कि आइटीआर रिटर्न फाइल करने पर धारा 87a के तहत कई छूट और लाभ मिलते हैं, लेकिन कुछ समय से तकनीकी गड़बड़ी के कारण करदाता इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि पिछली बार 5 जुलाई 2024 को इन तकनीकों और सॉफ्टवेयर प्रसंस्करण में अपडेट किया गया था, लेकिन फिर भी इसमें गड़बड़ी देखने को मिल रही है। आपको बता दें की धारा 87a के तहत करदाता नई कर व्यवस्था के तहत ₹25000 तक या पुरानी कर व्यवस्था के तहत 12500 रुपए तक की छूट पा सकते हैं, जो तकनीकी की गड़बड़ी के कारण संभव नहीं हो पा रहा है।
बॉम्बे कोर्ट में फैंसले का इंतेज़ार
चार्टर अकाउंटेंट के अनुसार ITR प्रोसेसिंग को नियंत्रित करने वाले JSON स्क्रीम को अपडेट नहीं किया गया है। इस चूक का मतलब है कि संशोधित आईटीआर दाखिल करने वाले करदाताओं को अभी भी और स्वीकृति का सामना करना पड़ेगा यदि वह एसटीसीजीआई पर छूट का दावा करते हैं। आपको बता दे कि कई कर पेशेवर स्पष्टता के लिए 9 जनवरी 2025 को मुंबई हाई कोर्ट की सुनवाई का इंतजार करने की सलाह देते हैं। कोर्ट ने पहले केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को समय सीमा बढ़ाने और छूट के दावों को समायोजित करने के लिए उपयोगकर्ताओं को अपडेट करने का निर्देश दिया था। संशोधित आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि से कुछ ही दिन पहले करदाताओं को पुरानी प्रसंस्करण प्रणालियों के कारण अनिश्चित और अधिक देनदारी का सामना करना पड़ रहा है।